Jind patwari list : सरकारद्वारा जारी की गई भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। लिस्ट में जींद के 12 पटवारियों का का भी नाम शामिल है, जिसमें छह पटवारियों ने अपने साथ सहायक भी रखे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार ये पटवारी इंतकाल, रजिस्ट्री, नकली फर्द बनाकर रकबे के साथ छेड़खानी कर रिश्वत मांगते हैं और भ्रष्टाचार करते हैं।
जींद पटवारी एसोसिएशन ने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए कहा है कि सरकार ने किस आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है। जींद के डीसी को भेजी गई लिस्ट में नरेश चहल, अतेंद्र, विकास चहल, नसीब, सुरेश, नरेश, सज्जन, दिनेश, अशोक, कुलदीप मोर, संदीप गौतम, आशीष का नाम शामिल है।
इनमें राजस्व पटवारी नरेश चहल ने अपने साथ बलविंद्र और विनोद को सहायक के तौर पर रखा हुआ है। पिछले छह माह से इंतकाल, रजिस्ट्री, नकली फर्द बनाकर रकबे से छेड़खानी कर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसी तरह अतेंद्र ने सचिन को अपना सहायक रखा हुआ है और करीब डेढ़ साल से अतेंद्र जींद में ड्यूटीरत है। विकास पटवारी ने प्रदीप शर्मा को अपने सहायक के तौर पर रखा हुआ है।

नरवाना में नसीब पटवारी ने सोनू को अपने सहायक के तौर पर रखा हुआ है और सोनू के माध्यम से ही नसीब रुपए का लेनदेन करता है। पिछले एक साल से नसीब नरवाना में तैनात है। इसी तरह सुरेश पटवारी ने भी सहायक रखा हुआ है और उसी के माध्मय से रुपए का लेनदेन करता है। खरल निवासी नरेश पटवारी भी इंतकाल व रजिस्ट्री करवाने की एवज में रुपए लेता है।
सफीदों में तैनात पटवारी सज्जन कुमार ने डिडवाड़ा निवासी सतेंद्र को अपना सहायक रखा हुआ है। सज्जन पर आरोप हैं कि वह जमीन का रिकार्ड चढ़ाने व उतारने की एवज में रुपए लेता है। सफीदों के ही दिनेश पटवारी पर सचिन को सहयाक के तौर पर रखने, जमीन के रिकार्ड तो उतारने व चढ़ाने की एवज में रुपए लेने के आरोप हैं। सफीदों निवासी अशोक पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं।

पिल्लूखेड़ा में तैनात कुलदीप मोर, संदीप गौतम पटवारी पर जमीनी रिकार्ड चढ़ाने, उतारने, नक्शा बनाने के संबंध में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जुलाना में तैनात आशीष पटवारी पर भी इंतकाल की एवज में रुपये लेने के आरोप हैं।
जींद पटवारी एसोसिएशन के प्रधान सूबे सिंह, प्रेस प्रवक्ता रविदत्त ने बताया कि सरकार ने किस आधार पर यह लिस्ट जारी की है, इसे स्पष्ट करे और जल्द ही इस संबंध में बैठक की जाएगी। वह पटवारियों के साथ है। इस संबंध में प्रदेश पदाधिकारियों से काल का इंतजार है। इसी के आधार पर आगामी फैसला लिया जाएगा।