Jind pndt act case : जींद में पति, ननद, सास ने मिलकर विवाहिता को दी एमटीपी किट, करवाया 2 माह का गर्भपात

OpJind pndt act case : जींद में प्रेम विवाह करने वाली एक महिला को उसके पति, ननद और सास ने मिलकर गर्भपात की दवा खिला दी और उसका अढाई माह का गर्भपात करवा दिया। डिप्टी सिविल सर्जन डा. पालेराम कटारिया की शिकायत पर महिला के बयान के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

 

डिप्टी सिविल सर्जन के समक्ष दी शिकायत में रोहतक रोड निवासी एक महिला ने बताया कि उसने घर वालों की मर्जी के खिलाफ सचिन के साथ कोर्ट में लव मैरिज की थी। विवाह के बाद वह अढाई माह की गर्भवती थी। उसके पति सचिन, सास सुनीता और पति की बहन नेहा ने उसके साथ झगड़ना शुरू कर दिया। उससे दहेज की मांग करने लगे। 23 सितंबर को वह अपने पति सचिन के साथ एमटीएस का एग्जाम देने के लिए अंबाला ट्रेन से गई थी। वापसी में रात को करीब साढ़े 10 बजे जींद जंक्शन पर उतरे।

सचिन ने अपने दोस्त को बाइक पर बुलाया। सचिन के दोस्त के साथ एक और युवक था। वह चारों बाइक पर बैठकर घर की तरफ चलने लगे। बाइक पर गड्ढों में उसे झटके महसूस हुए तो उसने कहा कि वह गर्भवती है, बाइक को आराम से चला ले। इस पर बाइक चालक सचिन का दोस्त उसे गालियां देने लगा। सचिन भी दोस्त के साथ मिलकर (Jind pndt act case) उसके साथ झगड़ने लगा। वह चुप हो गई। 24 सितंबर को सचिन ने मुझसे उसके दोस्त के साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। उसने मना किया तो उसके साथ मारपीट की, उसके बाल खींचे।

जब उसने अपने पिता को फोन कर इन बातों के बारे में बताया तो उसका पिता उसे ही धमकाने लगा। 11 नवंबर को वह घर में साफ-सफाई का काम कर रही थी तो उसे डस्टबीन में एक दवाई का खाली पता नजर आया। उसने दवाई का नाम गूगल पर सर्च किया तो यह गर्भपात की दवा थी। वह डर गई और उसने अपने पति से पूछा तो उसने मारपीट शुरू कर दी। उसकी सास और ननद भी इस दौरान वहीं पर थी। तीनों ने मिलकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। वह रोहतक रोड पुलिस चौकी में गई और पुलिस को शिकायत दी।

पुलिस ने सचिन को पुलिस चौकी में बुलाया तो आरोपितों ने कहा कि वह खाटू श्याम चले गए हैं। इस पर वह न तो ससुराल जा पाई और न ही मायके, क्योंकि उसने घर वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। पुलिस ने उसे सिविल अस्पताल के वन स्टाप सेंटर में छोड़ दिया। 12 नवंबर दोपहर को को वन स्टाप सेंटर में उसे पेट में दर्द शुरू हो गया और शाम पांच बजे के करीब उसे ज्यादा दर्द हुआ और साथ में ब्लीडिंग हुई। रात को आठ के बजे के करीब उसका गर्भपात हो गया। रात 12 बजे बहुत ज्यादा दर्द हुआ तो ड्यूटीरत महिला पुलिस कर्मी उसे नागरिक अस्पताल के लेबर रूम में ले गई, वहां उसे इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद महिला चिकित्सक ने उसे टेबलेट दी और अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा।

 

13 नवंबर को उसने अपनी सहेली को बुलाया। 15 नवंबर को उसकी मां काे बुलाकर उसने अल्ट्रासाउंड करवाया। अल्ट्रासाउंड में डाक्टर ने बताया कि बच्चेदानी में अभी भी बच्चे के टुकड़े हैं। उसका दर्द कम नहीं हो रहा था। चिकित्सक ने सफाई करवाने के लिए कहा। उसने अपने जानकार को ये बातें बताई, जिसके बाद नागरिक अस्पताल में पीएनडीटी प्रभारी डा. पालेराम कटारिया का नंबर दिया। उसने नागरिक अस्पताल में उपचार शुरू करवाया और डिप्टी सिविल सर्जन के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने सचिन, सचिन की बहन नेहा और सचिन की मां सुनीता के खिलाफ उसकी मर्जी के खिलाफ गर्भपात की दवा खिलाने, उसका गर्भपात करवाने का मामला दर्ज किया है।

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