Jind Politics : विधानसभा चुनावों के परिणाम में जींद जिले में बड़ा राजनीतिक उल्टफेर हुआ है। जिला के चार विधानसभा क्षेत्रों जींद, उचाना, सफीदों व नरवाना में भाजपा का कमल खिल गया है। वहीं कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी एक ही सीट पर सिमट गई। इस बार यह सीट सफीदों से बदल कर जुलान हो गई। उचाना में भाजपा के देवेंद्र अत्री ने दुष्यंत चौटाला व बीरेंद्र सिंह के गढ़ को तोड़ते हुए बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की है।
2019 के विधानसभा चुनाव में तीन सीट जीतने वाली जजपा इस बार किसी भी सीट पर जमानत (Jind Politics )तक नहीं बचा पाई है। जजपा को उचाना में सबसे अधिक वोट मिले। पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उचाना में महज 7950 मतों पर सिमट गए। वहीं भाजपा ने दमदार एंट्री करते हुए एक सीट से ग्राफ बढ़ा कर चार सीट तक बढ़त बनाई है। इससे भाजपा की रणनीति के आगे कांग्रेस ढेर हो गई।
जिला में इस बार शुरू से ही चुनावी मुकाबला रोचक माना जा रहा था। परिणाम भी उसी के अनुसार आए हैं। हालांकि जींद(Jind Politics ) विधानसभा सीट पर चुनाव परिणाम अपेक्षा के अनुसार ही आए हैं। जींद में भाजपा के डा. सबसे अधिक चौंकाने वाले परिणाम सफीदों विधानसभा क्षेत्र से मिले हैं। यहां भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नारनौंद के पूर्व विधायक रामकुमार गौतम ने कांग्रेस वर्तमान विधायक सुभाष गांगोली को 4037 मतों से हरा दिया।
रामकुमार गौतम को यहां 58983 मत मिले, जबकि सुभाष गांगोली 54946 मत ही ले सके। वहीं जुलाना में कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट भी कांटे के मुकाबले में ही जीत दर्ज कर सकीं। यहां विनेश फोगाट को 65080 मत मिले और भाजपा के कैप्टन योगेश कुमार 59065 मत लेने में सफल रहे। ऐसे में जुलाना में अंतरराष्ट्रीय पहलवान व बड़ा नाम होने के बावजूद विनेश फोगाट महज 6015 मतों से ही जीत दर्ज कर सकी। इसी प्रकार उचाना में बेहद रोचक मुकाबला हुआ।
उचाना कलां विधानसभा सीट पर भाजपा के देवेंद्र अत्री महज 32 मतों से जीत दर्ज कर सके। उन्हें 48968 मत मिले और कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह को 48936 मत मिले। नरवाना में शुरू से ही त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। इसका सीधा लाभ भाजपा को हुआ। भाजपा के उम्मीदवार व पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी को 59474 मत मिले। जबकि यहां कांग्रेस उम्मीदवार सतबीर दबलैन 47975 मत लेकर दूसरे स्थान पर रहे। इनेलो की विद्यारानी ने भी दमदार प्रदर्शन किया और 46303 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहीं। यह सीट भाजपा ने 11499 मतों से जीत ली।
निष्क्रिय नेता की छवि नहीं तोड़ पाए महावीर गुप्ता
हालांकि जींद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट के लिए 46 नेताओं ने आवेदन(Jind Politics )किया था, लेकिन पार्टी ने सबसे कम सक्रिय रहे महावीर गुप्ता को टिकट दिया। पिछले चुनाव में महावीर गुप्ता जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर 45 हजार से अधिक वोट लेने वाले महावीर गुप्ता चुनाव के बाद सक्रिय नहीं रहे। पूरे चुनाव में उनकी यही छवि भारी रही। खुद कांग्रेस कार्यकर्ता भी 45 हजार वोट लेकर जनमत का सम्मान नहीं करने की बात कहते रहे।
यही कारण रहा कि अन्य कांग्रेस नेताओं का भी साथ नहीं मिला। बेशक महावीर गुप्ता दो साल पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन फिर भी उनकी छवि पार्टी में पैराशूट प्रत्याशी के रूप में बनी रही। इससे सक्रिय कांग्रेसियों का सहयोग नहीं मिल पाया। कांग्रेस में सक्रिय रहे प्रदीप गिल ने चुनाव लड़ कर गुप्ता के चुनाव को मुशकिल कर दिया।
जिला की सबसे बड़ी पार्टी जजपा नहीं बचा पाई जमानत
पिछले चुनाव में जजपा ने जिला की पांच में से तीन सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार जजपा किसी भी(Jind Politics ) सीट पर जमानत तक नहीं बचा पाई। खुद उपमुख्यमंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने उचाना कलां से चुनाव लड़ा और उन्हें महज 7950 मत ही मिले। जुलाना से पार्टी पिछले चुनाव में जीत दर्ज करने वाले अमरजीत ढांडा को मैदान में उतारा। ढांडा महज 2477 मत ले सके।
नरवाना में इस बार जजपा ने भाजपा से बागी हुई संतोष रानी को चुनाव लड़वाया और वे 1547 मतों पर ही सिमट गई। इसके अलावा जींद विधानसभा सीट(Jind Politics ) पर जजपा प्रत्याशी इंजीनियर धर्मपाल तंवर को 1014 मत ही मिल। सफीदों विधानसभा क्षेत्र में जपजा प्रत्याशी सुशील बैरागी महज 814 मत ही ले सके।