Jummadin died जींद : सफीदों के डिडवाड़ा गांव में अपने पांच बच्चों की हत्या के मामले में जिला कारागार में बंद आरोपित जुम्माद्दीन की मंगलवार रात बीमारी से मौत हो गई। रात को एक बजे उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे नागरिक अस्पताल में लाया गया, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत बताया।
वर्ष 2020 से ही जुम्माद्दीन जेल में बंद था और उसका केस अदालत में विचाराधीन था। बुधवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की देखरेख मे बंदी के शव का चिकित्सक बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया और इसकी वीडियोग्राफी करवाई।
15 जुलाई 2020 को डिडवाड़ा गांव से जुम्माद्दीन (jummadin) की दो बेटियां मुस्कान (11) और निशा (7) लापता हो गई थी। 18 जुलाई को दोनों बेटियों के शव नहर में मिले थे। इस पर पुलिस ने मामले की गहनता जांच की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो दोनों बेटियों को जुम्माद्दीन ले जाते हुए दिखाई दिया था। पुलिस ने जुम्माद्दीन से सख्ती से पूछताछ की तो जुम्माद्दीन ने ही दोनों बेटियों की जहर देकर नहर में फेंक हत्या की बात कबूल कर ली।
साथ ही जुम्माद्दीन (Jummadin died) ने बताया कि मुस्कान और निशा से पहले भी उसने 2015 में तीन वर्ष के बेटे और चार वर्ष की बेटी की जहर देकर हत्या की थी। वर्ष 2017 में डेढ़ साल की बेटी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। पत्नी तथा परिवार के लोगों को बीमारी से मौत बता गुमराह करता रहा। पांचों बच्चों की हत्या का खुलासा होने के बाद जुम्माद्दीन की पत्नी रीना की शिकायत पर वर्ष 2020 में उसके खिलाफ हत्या, शव को खुर्द-बुर्द करने के अलग-अलग मामले दर्ज कर उसे जेल में बंद कर दिया था।
परिवार के लोगों ने उसे किनारा कर लिया था और जेल में मिलने नहीं जाते थे। इस बीच जुम्माद्दीन के शरीर में आधे हिस्से में लकवा मार चुका था। मंगलवार रात को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद सिविल अस्पताल में लाते समय उसकी मौत हो गई।
मृतक (jummadin died) के भाई गुलाब सिंह के अनुसार वो जेल में जुम्माद्दीन से कभी मिलने नहीं गए। पुलिस के माध्यम से ही उन्हें जुम्माद्दीन की मौत की सूचना मिली है। सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी बलवान सिंह ने बताया कि मृतक के शव का पोस्टमार्टम चिकित्सक बोर्ड से करवाया गया है। इसकी जांच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही है।