जींद-नरवाना नेशनल हाईवे पर खटकड़ टोल प्लाजा पर (Khatkar Toll Dharna ) पिछले 3 दिन से चल रहा धरना रात 10 बजे प्रशासन के साथ बैठक के बाद समाप्त हो गया है।
किसानों ने प्रशासन को 17 अगस्त तक का समय दिया है कि अगर 17 अगस्त तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह दोबारा से धरना शुरू कर देंगे। धरने पर बैठे किसानों ने वाहनों के लिए टोल फ्री करवाया हुआ था। तीन दिन में एनएचएआई को 42 लाख रुपये का फटका लगा है।
किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद, प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका खरकरामजी, सितेंद्र लोहचब, सिक्किम सफाखेड़ी, वेद नंबरदार, नफे प्रधान, अजमेर भैण, नरेंद्र भैण, गुरदेव व बलदेव उझान, बिंद्र नंबरदार ने बताया कि प्रदेश भर में विभिन्न टोल प्लाजाओं पर किसान नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
टोल कर्मियों द्वारा रवि आजाद को धमकी दी गई। वहीं किसानों के आइकार्ड छीने जा रहे हैं। वह पिछले तीन दिन से खटकड़ टोल प्लाजा (Khatkar Toll Plaza) पर धरना दे रहे थे।
उनकी मांग है कि टोल के आस-पास 20 गांव के ग्रामीणों का टोल फ्री किया जाए। किसी भी किसान संगठन की झंडी लगी गाड़ी, आई कार्ड हो तो उससे टोल न वसूला जाए। रवि आजाद को धमकी देने वाले टोल कर्मी माफी मांगें।
प्रियंका खरकरामजी ने बताया कि मंगलवार रात 10 बजे को डीएसपी नवीन संधू, एसएचओ रविंद्र, खटकड़ टोल मैनेजर के साथ किसानाें की बैठक हुई। प्रशासन ने 15 अगस्त का हवाला देते हुए आश्वासन दिया कि 17 अगस्त को टोल प्रबंधन के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक करवाई जाएगी व उनकी मांगों का समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा। इस पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
अब 17 अगस्त को दोबारा से बैठक होगी और उसके बाद ही किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। खटकड़ टोल प्लाजा से प्रतिदिन आठ से 9 हजार वाहन गुजरते हैं। इनसे हर रोज 13 से 14 लाख रुपये की टोल वसूली होती है। तीन दिन तक टोल फ्री रहने के कारण एनएचएआइ को 40 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।