Jind Railway underpass : जींद जेडी-7 रेलवे अंडरपास की 80 मीटर कम होगी लंबाई, रिंग रोड का रास्ता साफ

Parvesh Malik
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Jind Railway underpass : मिनी बाईपास (JD-7) रोड पर दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन की क्रासिंग बन रहे अंडरपास की लंबाई करीब 80 मीटर कम होगी। इसको लेकर गुप्ता कालोनी व इसके आसपास के लोगों ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिढ़ा से मिल कर इसकी मांग उठाई। डा. मिढ़ा ने मौके पर ही एचएसआरडीसी के अधिकारियों से अंडर पास की लंबाई कम करने की संभावनाएं पूछती तो बताया कि यह करीब 80 मीटर घटाया जा सकता है। इससे आसपास के लोगों को काफी राहत मिलेगी। यहां करीब आठ करोड़ रुपये खर्च होने हैं। हालांकि अंडरपास का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और इसके बनने से शहर के आंतरिक रिंग रोड का रास्ता साफ हो जाएगा।

दरअसल मिनी बाईपास शहर के चारों ओर रिंग रोड का काम करता है। यह गोहाना रोड पुराने बस स्टैंड से शुरू होकर रोहतक रोड, भिवानी रोड, बीड के साथ से हिसार रोड, बरवाला रोड, होते हुए पटियाला चौक से जुड़ता है। यहां से सीधा रास्ता नरवाना रोड, कैथल रोड होते हुए सफीदों रोड व वापस गोहाना रोड में मिलता है। ऐसे शहर के अंदर से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए यह सबसे उपयुक्त रास्ता है। यह पूरा रास्ता शहर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों को छूते हुए निकलता है। हालांकि 20 साल से इस रास्ते को तैयार करने के लिए प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब इसका रास्ता साफ हो गया है।

 

यूं बदलेगा डिजाइन
मिनी बाईपास पर बनने वाले अंडरपास के लिए रेलवे लाइन के दोनों ओर 260-260 मीटर लंबाई तय की गई थी। अब इसे दोनों ओर करीब 40-40 मीटर कम करने की योजना बनाई जा रही है। बीच में करीब 200 फुट जमीन रेलवे की है। यह अंडरपास 24 फुट चौड़ा बनेगा और इससे भारी वाहन भी आसानी से निकल सकेंगे।

दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन बड़ी बाधा
रिंग रोड के शुरू होने में दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन बड़ी बाधा है। रिंग रोड का पूरे क्षेत्र का जुड़ाव है, लेकिन इसी अंडरपास के नहीं होने के कारण रूकावट बनी हुई थी। अब इस पर काम चल रहा है। ऐसे में अगले दो साल में यह रास्ता भी खुल जाएगा और शहर को चारों ओर से जोड़ने का रास्ता साफ हो जाएगा।

 

शहर के मुख्य मार्गों पर कम होगी भीड़
हालांकि करीब 20 साल पहले कांग्रेस की सरकार के दौरान पुराने रजवाहे की जगह पर सड़क बना दी गई, लेकिन तब भी जींद-पानीपत रेलवे लाइन को पार करने के लिए अंडरपास की सुविधा नहीं दी गई। हालांकि भाजपा की सरकार बनने के बाद इस परियोजना पर काम शुरू हुआ और पानीपत रेलवे लाइन का अंडरपास शुरू हो गया। तभी से दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन पर भी अंडरपास या आरओबी बनाने की परियोजना बनती रही। अब यह परियोजना सिरे चढ़ी है और इस पर काम शुरू हो गया है।

 

दो साल पहले हो चुकी है किशोरी की मौत
दिल्ली-बठिंडा रेलवे लाइन को पार करते हुए दो साल पहले गुप्ता कालोनी निवासी 13 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई थी। यहां रास्ता नहीं होने के कारण पैदल चलने वाले लोग जान जाेखिम में डालकर रेलवे लाइन को पार करते हैं। रेलवे लाइन के दोनों ओर सड़क होने के बावजूद इसको पार करने के लिए रास्ता नहीं है।

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