Mahadev betting app kingpin: महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Betting App) मामले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस केस के मास्टरमाइंड और कंपनी के मालिक सौरभ चंद्राकर को दुबई में इंटरपोल के अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है। भारतीय एजेंसियों ने इस कार्रवाई को महत्वपूर्ण माना है, क्योंकि चंद्राकर लंबे समय से फरार था और दुबई में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था। अब उसे अगले 10 दिनों के भीतर भारत लाया जा सकता है।
Mahadev betting app kingpin: कैसे फैला महादेव बेटिंग ऐप का जाल?
महादेव बेटिंग ऐप को ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए विकसित किया गया था, जहां यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स और क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों में सट्टा लगाते थे। इस अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क ने तेजी से भारत में अपनी जड़ें फैला लीं। सौरभ चंद्राकर, जो पहले छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक जूस की दुकान चलाता था, इस घोटाले का मास्टरमाइंड बन गया।
सौरभ ने लॉकडाउन के दौरान रवि उप्पल के साथ मिलकर महादेव बेटिंग ऐप लॉन्च किया, जिससे सट्टेबाजी का यह ऑनलाइन धंधा शुरू हुआ। चंद्राकर पर 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप है।
Mahadev betting app kingpin: दुबई में हुई सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी
सूत्रों के मुताबिक, सौरभ चंद्राकर को दुबई में इंटरपोल और दुबई पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन के तहत गिरफ्तार किया। भारतीय एजेंसियों को उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने के बाद यह सफलता मिली। Dubai में छिपा हुआ सौरभ आखिरकार पकड़ में आ गया और अब उसे भारत लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
Mahadev betting app syndicate: महादेव बेटिंग ऐप सिंडिकेट में दाऊद इब्राहिम का कनेक्शन
महादेव बेटिंग ऐप के इस घोटाले में दाऊद इब्राहिम से जुड़े तार भी सामने आए हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, चंद्राकर और उसके साथियों ने हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन किया। इस नेटवर्क में अनिल और सुनील दमानी भी शामिल थे, जो हवाला के माध्यम से पैसा छत्तीसगढ़ पुलिस और स्थानीय नेताओं तक पहुंचाते थे।
इस अवैध धंधे में पंजाब के जालंधर से जुड़े कुछ व्यक्तियों का भी हाथ बताया जा रहा है, जिन्होंने इस सट्टेबाजी के नेटवर्क को फैलाने में मदद की। पंजाब में कई कॉल सेंटर भी खोले गए थे, जहां लोगों को रातों-रात अमीर बनने का लालच देकर सट्टेबाजी के जाल में फंसाया गया।
ED on mahadev betting app kingpin: ED की जांच में बड़े खुलासे
मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में भी बड़े खुलासे हुए हैं। असीम दास नामक व्यक्ति को 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया था, और उसने कबूल किया कि यह पैसा दुबई से भेजा गया था। जांच में छत्तीसगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल और कई अन्य लोग भी शामिल पाए गए हैं।
ईडी के अनुसार, महादेव ऐप से जुड़े व्यक्तियों का ड्रग डॉन तपन सरकार और अन्य गैंगस्टरों के साथ भी संबंध था, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।
सट्टेबाजी के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश
Mahadev betting app मामले में सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी ने भारतीय एजेंसियों को एक बड़ी सफलता दी है। अब इस अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई और तेज होने की उम्मीद है। इस घोटाले ने न सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, बल्कि गरीब और भोले-भाले लोगों की जिंदगी पर भी बुरा असर डाला है।