NCR Pollution: ये दीवाली प्रदूषण वाली! NCR के 14 जिलों में GRAP-2 लागू, 26 कर्मचारी सस्पेंड,11 चार्जशीट, 383 को नोटिस जारी, AQI का लेवल गंभीर

Anita Khatkar
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NCR Pollution: हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण ने दीवाली से पहले ही चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है। राज्य में कई जगहों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 तक पहुंच गया है, जो हवा की गंभीर श्रेणी में आता है। गुरुग्राम और फतेहाबाद जैसे प्रमुख शहरों में तो हालात इतने बिगड़ गए हैं कि वातावरण एक गैस चैंबर जैसा महसूस होने लगा है। प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत NCR के 14 जिलों में GRAP-2 लागू कर दिया है। प्रदूषण फैलाने से रोक न पाने वाले कर्मचारियों और किसानों पर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसमें अब तक 26 कर्मचारी निलंबित, 11 अधिकारियों को चार्जशीट और 383 को नोटिस जारी किया गया है।

NCR Pollution: प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने के कारण

NCR Pollution: हरियाणा में प्रदूषण के कारण PM-10 और PM-2.5 कणों की मात्रा हवा में बढ़ गई है, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। PM-10 के छोटे कण हमारे गले और फेफड़ों में जाकर खांसी, जलन और सांस संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं। पराली जलाना मात्र एक कारण नहीं है। इन खतरनाक कणों का मुख्य स्रोत पराली जलाना, निर्माण कार्यों की धूल, खुले में कूड़ा जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन भी हैं।

NCR Pollution: AQI की गंभीर स्थिति और GRAP-2 लागू

NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP का विभिन्न स्तरों पर क्रियान्वयन किया गया है। AQI के बढ़ने के साथ GRAP के सख्त चरणों को लागू किया जाता है, ताकि प्रदूषण को रोका जा सके।

AQI 200 से ऊपर: GRAP-1 लागू होता है, जिसमें होटल-रेस्टोरेंट में लकड़ी और कोयले का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया जाता है और पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रोक लगाई जाती है।

AQI 300 से ऊपर: GRAP-2 लागू होता है। इसमें प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और फैक्ट्रियों को बंद करना, कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स पर रोक और निर्माण कार्यों पर रोक जैसी कठोर पाबंदियां शामिल हैं। NCR के 14 जिलों में फिलहाल यह लागू किया गया है।

AQI 400 से 450: GRAP-3 लागू होता है, जिसमें निजी वाहनों के उपयोग पर रोक लगाई जा सकती है, सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहन ही चलाए जा सकते हैं और कंस्ट्रक्शन कार्यों पर पूर्ण रोक लगा दी जाती है।

AQI 450 से अधिक: GRAP-4 लागू होता है, जो हवा को जहरीला बना देता है। इस चरण में सभी निजी वाहनों पर प्रतिबंध, सार्वजनिक परिवहन को सीमित करना और सभी औद्योगिक गतिविधियों को बंद करना अनिवार्य हो जाता है। ऐसे हालात को हेल्थ इमरजेंसी माना जाता है।

प्रदूषण से बढ़ रहे स्वास्थ्य जोखिम

NCR Pollution: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिनमें अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, हृदयाघात और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) प्रमुख हैं। प्रदूषण में मौजूद बारीक कण जैसे PM-2.5 सीधे खून में प्रवेश कर धमनियों में सूजन पैदा करते हैं। इससे बच्चों, वृद्धों और दिल-फेफड़ों के मरीजों को खासा खतरा होता है।

अस्थमा: वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सांस की नली में सूजन और रुकावट उत्पन्न होती है, जिससे खांसी और सांस लेने में कठिनाई होती है।

फेफड़ों का कैंसर: वायु प्रदूषण और धूम्रपान से स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) और नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) का खतरा बढ़ता है।

हार्ट अटैक: PM-2.5 के बारीक कणों के कारण दिल के मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। प्रदूषित कणों के रक्त में प्रवेश करने से धमनियों में सूजन आ जाती है।

बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चे इस प्रदूषण के कारण सांस लेने में परेशानी का सामना करते हैं, जिससे उनके गले और फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है।

COPD: यह फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में भारी कठिनाई होती है।

Govt Action On Pollution: सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदम

NCR Pollution: प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रदेश में प्रदूषण की घटनाओं पर नियंत्रण ना पाने की वजह से 26 सरकारी कर्मचारियों को निलंबित किया गया है और 11 अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है। इसके अलावा, 383 अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए गए हैं। किसानों के खिलाफ भी सख्ती बरतते हुए 186 किसानों पर FIR दर्ज की गई है और 34 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

PM-10 का खतरनाक स्तर और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव

PM-10 में निर्माण स्थलों, लैंडफिल, कृषि कार्य, जंगल की आग, कचरा जलाने, औद्योगिक स्रोतों और हवा में उड़ने वाली धूल के कण शामिल होते हैं। PM-10 के कण इतने छोटे होते हैं कि वे गले और फेफड़ों में जाकर संक्रमण कर सकते हैं। इसके अधिक स्तर के कारण नाक बहना, खांसी और आंखों में जलन की समस्या बढ़ जाती है। यह कण दिल या फेफड़ों की समस्याओं वाले लोगों के लिए खासा घातक साबित होते हैं।

भविष्य में GRAP-4 लागू होने की संभावना

हरियाणा में लगातार बढ़ रहे AQI स्तर को देखते हुए GRAP-4 लागू होने की संभावना भी बन रही है। GRAP-4 के लागू होने पर NCR के सभी निजी वाहनों पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े इलेक्ट्रिक वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी। साथ ही, सभी उद्योग-धंधों और निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। कोयले से चलने वाले थर्मल प्लांट्स को बंद करना भी अनिवार्य होगा। इस स्थिति में प्रशासन की ओर से हेल्थ इमरजेंसी घोषित की जा सकती है।

NCR Pollution: ये दीवाली प्रदूषण वाली! NCR के 14 जिलों में GRAP-2 लागू, 26 कर्मचारी सस्पेंड,11 चार्जशीट, 383 को नोटिस जारी, AQI का लेवल गंभीर
NCR Pollution: ये दीवाली प्रदूषण वाली! NCR के 14 जिलों में GRAP-2 लागू, 26 कर्मचारी सस्पेंड,11 चार्जशीट, 383 को नोटिस जारी, AQI का लेवल गंभीर

Pollution Safety Tips: प्रदूषण से बचने के उपाय

प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर से बचने के लिए नागरिकों को निम्नलिखित एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है:

मास्क का उपयोग: प्रदूषित वातावरण में मास्क का उपयोग अनिवार्य करें।

घर के अंदर रहें: विशेषकर बच्चों और वृद्धों को बाहरी गतिविधियों से बचाएं।

स्वस्थ आहार: प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरी सब्जियों, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन का सेवन करें।

एयर प्यूरीफायर का उपयोग: घर के अंदर वायु शुद्धि यंत्र का उपयोग कर सकते हैं।

हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण की समस्या का हल करने के लिए प्रशासन को चाहिए कि प्रदूषण कम करने के उपायों को सख्ती से लागू करे और आम जनता भी अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने में सहयोग दे।

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