No Cost EMI: फेस्टिवल सीजन की शुरुआत होने वाली है, और बाजार में रिटेलर्स आकर्षक ऑफर और भारी छूट के साथ तैयार हैं। त्योहारों पर खरीदारी हमारी परंपरा का हिस्सा है, खासकर जब बात घर की सजावट या महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स और फर्नीचर की हो। इस दौरान नो-कॉस्ट ईएमआई (बिना ब्याज की किश्त) एक लोकप्रिय विकल्प बनकर सामने आया है, जिससे आप महंगी चीजें आसान किस्तों में बिना अतिरिक्त ब्याज के खरीद सकते हैं। हालांकि, No Cost EMI विकल्प के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
No Cost EMI: कैसे करता है काम?
नो-कॉस्ट ईएमआई आपकी बड़ी खरीदारी की राशि को 24 महीने तक की ब्याज-मुक्त किस्तों में बांट देती है। उदाहरण के लिए, अगर आप 60,000 रुपये का स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो 12 महीने की नो-कॉस्ट ईएमआई के तहत 5,000 रुपये प्रति माह की किस्तों में भुगतान कर सकते हैं और आपको एकसाथ बड़ी रकम खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।
No Cost EMI: लागत पर नजर, छूट या नो-कॉस्ट ईएमआई?
No Cost EMI में एक अहम बात यह है कि विक्रेता आपको ब्याज माफ करता है, लेकिन इसके बदले छूट की पेशकश नहीं की जाती। उदाहरण के लिए, अगर कोई वॉशिंग मशीन 20,000 रुपये का है और विक्रेता 10% की छूट देता है, तो उसकी कीमत 18,000 रुपये हो जाएगी। लेकिन अगर आप नो-कॉस्ट ईएमआई चुनते हैं, तो आपको 20,000 रुपये की पूरी राशि चुकानी होगी, साथ ही 2-3% प्रोसेसिंग शुल्क और उस पर 15-18% GST भी देना होगा।
No Cost EMI: नो-कॉस्ट ईएमआई के फायदे और नुकसान
नो-कॉस्ट ईएमआई आपको बिना ब्याज के किस्तों में भुगतान करने का विकल्प देती है, लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी होती हैं। अक्सर प्रोसेसिंग शुल्क और अन्य खर्चे जुड़ जाते हैं, जिससे आपको अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। इसलिए, जब भी आप No Cost EMI चुनें, इन अतिरिक्त खर्चों का ध्यान रखें।
No Cost EMI Benifits:
फायदे:
बिना ब्याज के बड़ी खरीदारी आसान हो जाती है।
लंबी अवधि में किस्तों में भुगतान कर सकते हैं, जिससे वित्तीय बोझ कम होता है।
No Cost EMI Losses:
नुकसान:
छूट का लाभ नहीं मिलता।
प्रोसेसिंग शुल्क और उस पर GST का बोझ बढ़ जाता है।
यह विकल्प सभी उत्पादों पर उपलब्ध नहीं होता।
No Cost EMI: अग्रिम भुगतान में अधिक लाभ
अगर आप एकसाथ बड़ी राशि का भुगतान कर सकते हैं, तो नो-कॉस्ट ईएमआई से बचना बेहतर हो सकता है। अग्रिम भुगतान करने से आपको विक्रेता द्वारा दी जा रही छूट का फायदा मिल सकता है, जिससे कुल राशि कम हो जाती है और अतिरिक्त प्रोसेसिंग शुल्क या जीएसटी का भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती।
No Cost EMI: सही निर्णय लें
नो-कॉस्ट ईएमआई आकर्षक जरूर लगता है, लेकिन इसे चुनने से पहले इसके फायदे और नुकसान पर ध्यान दें। जहां तक हो सके, अगर आप एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं तो यह अधिक किफायती हो सकता है। वहीं, अगर आप एकसाथ बड़ी राशि नहीं दे सकते, तो NO COST EMI एक सुविधाजनक विकल्प है। त्योहारों की खरीदारी को स्मार्टली प्लान करें और अपनी जरूरत और बजट के अनुसार सही निर्णय लें।