NPS New Pension Rule: केंद्र सरकार के हाल ही में जारी आदेश ने एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) में शामिल लगभग 23 लाख सिविल सेवा कर्मचारियों को चिंतित कर दिया है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का कार्यान्वयन) नियमावली, 2021 को अधिसूचित किया है, जिसमें कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों के लिए नई शर्तें निर्धारित की गई हैं। इन नए नियमों के अनुसार, यदि कोई NPS कर्मचारी इस्तीफा देता है और उसके बाद नब्बे दिनों के भीतर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को केवल कॉर्पस का 20 प्रतिशत मिलेगा। शेष 80 प्रतिशत का उपयोग पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने में किया जाएगा।
NPS New Pension Rule: एनपीएस में मृत्यु के मामलों को लेकर उठे सवाल
नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत के अध्यक्ष डॉ. मंजीत पटेल ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए सरकार से अपील की है कि इस परिस्थिति में कर्मचारी की मृत्यु को सेवाकाल में मृत्यु माना जाना चाहिए। उनके अनुसार, 2021 के NPS (डेथ/डिसेबिलिटी) अमेंडमेंट एक्ट के तहत परिवार को अंतिम बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के 50 प्रतिशत के बराबर फैमिली पेंशन का प्रावधान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, कर्मचारी का अंशदान ब्याज सहित पूर्ण रूप से वापस किया जाना चाहिए।
NPS New Pension Rule: नई नियमावली के तहत कर्मचारी की स्थिति
सरकार ने 7 अक्तूबर को जारी एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से नए नियमों की जानकारी दी। इस नियमावली के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी सरकारी सेवा से त्यागपत्र देता है और उसकी मृत्यु त्यागपत्र की प्रभावी तिथि से नब्बे दिन के भीतर होती है, तो उसके परिवार को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुसार ही भुगतान किया जाएगा। इस प्रक्रिया में नब्बे दिनों की बाध्यता के चलते कर्मचारियों और उनके परिजनों में चिंता बढ़ गई है।
NPS कर्मचारियों की चिंता और मांगें
कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इस्तीफे का अधिकार बना रहता है, तब तक यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उसे सेवाकाल में मृत्यु के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। इस संबंध में उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसे मामलों में परिवार के प्रति सहानुभूति दिखाई जाए। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के तहत पारिवारिक पेंशन और अंशदान की पूरी वापसी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सरकार का स्पष्टीकरण और कर्मचारियों की स्थिति
भारत सरकार ने NPS New Pension Rule के संबंध में एक क्लेरिफिकेशन जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि यदि कोई NPS कर्मचारी रिटायरमेंट यानी 60 वर्ष की उम्र से पहले इस्तीफा देता है, तो उसे कुल कॉर्पस का 20 प्रतिशत देना होगा। शेष 80 प्रतिशत का उपयोग पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने में किया जाएगा। यह प्रक्रिया 90 दिनों के बाद ही पूरी की जाती है और इस अवधि में यदि कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो प्रक्रिया में देरी के चलते परिवार को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कर्मचारी के परिजनों के लिए संभावित संकट
नई NPS Pension नियमावली के कारण कर्मचारियों और उनके परिजनों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। नब्बे दिन की बाध्यता से यह सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है कि परिवार को उचित समय पर आर्थिक सहायता मिले। ऐसे में, कर्मचारी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं ताकि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे सके।
सरकार से उचित कदम उठाने की अपील
NPS कर्मचारियों के इस संकट के समाधान के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। कर्मचारियों की भलाई के लिए यह आवश्यक है कि उनकी मृत्यु को सेवाकाल में माना जाए और परिवार को उचित पेंशन एवं अंशदान की वापसी सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में सरकार को तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों में बढ़ती चिंता को दूर किया जा सके।