One Year B.Ed Program 2026: शैक्षणिक सत्र 2026-27 से फिर से शुरू होगा एक वर्षीय B.ED कोर्स; जानें नए बदलाव और एडमिशन की प्रक्रिया

Anita Khatkar
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One Year B.Ed Program 2026: नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत शिक्षा स्नातक (B.ED) पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सत्र 2026-27 से B.ED का प्रारूप और पाठ्यक्रम बदल जाएगा और यह एक बार फिर B.ED COURSE एक वर्षीय हो जाएगा।

One Year B.Ed Program 2026: बीएड पाठ्यक्रम में बदलाव

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि B.ED पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप फिर से तैयार किया जा रहा है।

एक वर्षीय B.ED: 4 वर्षीय Graduation या Master डिग्री पूरी कर चुके विद्यार्थी इसमें दाखिला ले सकेंगे।

दो वर्षीय B.ED3: 3 वर्षीय Graduation पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह विकल्प रहेगा।

M.ED डिग्री: 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड B.ED और 2 वर्षीय B.ED पूरा करने वाले विद्यार्थी M.ED में दाखिला ले सकेंगे।

TET के नियमों में बदलाव

शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के नियम और मानदंडों में भी बदलाव किया जाएगा। ये बदलाव 2027 में 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड डिग्री वाले पहले बैच के निकलने से पहले लागू होंगे।

4 Year B.Ed Program: 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड का विस्तार

2023 में शुरुआत: BA-B.ED, B.SC-B.ED और B.COM-B.ED का पहला बैच पहले ही शुरू हो चुका है।

2025 से नए कोर्स: शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा, योग शिक्षा और संस्कृत शिक्षा जैसे 4 नए कोर्स जोड़े जाएंगे।

NOTE: 12वीं के बाद शिक्षक बनने के इच्छुक विद्यार्थी इन पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं।

 

Farzi College Ban: फर्जी कॉलेजों पर लगेगी रोक

एनसीटीई अध्यक्ष ने कहा कि फर्जी और डमी कॉलेजों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसका उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और योग्य शिक्षकों का निर्माण करना है।

One Year B.Ed Program 2026: शैक्षणिक सत्र 2026-27 से फिर से शुरू होगा एक वर्षीय B.ED कोर्स; जानें नए बदलाव और एडमिशन की प्रक्रिया
One Year B.Ed Program 2026: शैक्षणिक सत्र 2026-27 से फिर से शुरू होगा एक वर्षीय B.ED कोर्स; जानें नए बदलाव और एडमिशन की प्रक्रिया

शिक्षा क्षेत्र में नई संभावनाएं

NEP का यह बदलाव छात्रों के लिए अवसरों को बढ़ाएगा। इससे Graduates और स्नातकोत्तर छात्रों को कम समय में शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, मिडिल और सेकेंडरी स्तर के अनुरूप ही शिक्षक तैयार किए जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में ये परिवर्तन न केवल गुणवत्ता बढ़ाएंगे, बल्कि नई पीढ़ी के शिक्षकों को भी बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।

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