Terrorist Musa Encounter : चार महिने पहले कश्मीर के पहलगाम में चार आंतकियों नें 23 भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया है, उसका बदला लेने के लिए भारत पाकिस्तान की सरहदों पर तनाव बढ़ गया था। पर अब भारतीय सेना ने एक खुशखबरी दी है, पहलगाम अटैक का मास्टरमाइंड आतंकी हाशिम मूसा मारा गया। हमारे पाठकों को बता दें कि, ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने उसे और उसके दो अन्य साथियों को मौत के घाट उतारा, पहलगाम के आतंकी मूसा को चाइनीज माल ने ही धोखा दिया।
चाइनीज माल नें आंतकी मूसा को दिया धोका
चीनी अल्ट्रासेट रेडियो उपकरण ने पाकिस्तानी आतंकवादी मूसा की सुरक्षा में ऐसी सेंध लगाई कि कश्मीर में मौजूद उसका स्थानीय नेटवर्क भी उसकी सहायता नहीं कर सका। अब उसके स्थानीय मददगारों की खोज में छापेमारी की जा रही है। अब सवाल है कि आखिर खतरनाक आतंकी हाशिम मूसा की लोकेशन की सूचनाएं कैसे मिली?

खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों के खुफिया नेटवर्क को सूचना मिली थी कि दाचीगाम नेशनल पार्क के पास अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो उपकरण का प्रयोग किया जा रहा है। यह चीन में बनी आधुनिक संचार प्रणाली है, इसके बारे में दावा किया जाता है कि इस रेडियो सेट से होने वाली बातचीत को पकड़ा नहीं जा सकता। खुफिया अधिकारी के अनुसार, चीन के इस आधुनिक अल्ट्रासेट रेडियो उपकरण का प्रयोग पाकिस्तान के बड़े आतंकवादी लंबे अरसे से करते चले आ रहे हैं।
मूसा की लोकेशन कैसे मिली
जानकारी के आधार पर जब सुरक्षाबलो ने अपनी कार्रवाई शुरू की तो शुरुआती दौर में आतंकवादियों का कोई अता-पता नहीं मिला। जिस क्षेत्र में मुठभेड़ हुई, उसे महादेव पीक कहा जाता है, वह इतना दुर्गम है कि वहां पहुंचने के लिए 16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। अधिकारी ने बताया कि रविवार की रात लगभग 2 बजे पाकिस्तानी आतंकवादियों ने फिर इस रेडियो उपकरण के तहत सीमा पार अपने पाकिस्तानी आकाओं से संपर्क किया। यही संपर्क उनकी मौजूदगी बताने का कारण बना क्योंकि इस संपर्क से खुफिया एजेंसी को उनकी सटीक लोकेशन मिल गई।