Patwari protest : हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट सार्वजनिक करने के बाद रेवेन्यू पटवारी विरोध में उतर आए हैं। पटवारी एवं कानूनगो एसोसिएशन की प्रदेश कार्यकारिणी तथा सभी जिलों से प्रधान व महासचिव ने बैठक की।
इसमें दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि जिस तरीके से सरकार ने 16 तारीख को पत्र जारी किया, वह मानसिक प्रताड़ना देने वाला था। पूरी तरह से असवैधानिक था। इस पत्र से पटवारी और उसके परिवार को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।
एसोसिएशन ने फैसला लिया कि अगले तीन दिनों तक सभी पटवारी और कानूनगो काली पट्टी बांध काम करेंगे, क्योंकि वह नहीं चाहते कि जनता का काम प्रभावित हो। इसके अलावा सोमवार को सभी 22 जिलों में डीसी को ज्ञापन सौंपेंगे और फीडबैक लेंगे कि आखिर किस एजेंसी से उन्होंने जांच करवाई।
साथ ही सरकार को पत्र लिखा गया है कि इस लिस्ट की विश्वसनीयता और वास्विकता क्या है। वह कानूनविदों से राय ले रहे हैं कि इस मामले में मानसिक प्रताड़ना का केस बनता है या नहीं।

इसके अलावा वह कल से एडिशनल सर्कल का काम नहीं करेंगे। वह केवल अपने मूल हलके में ही काम करेंगे। अगर जरूरी हुआ तो जिन जिलों में पटवार भवन नहीं बने हुए हैं और पटवारी निजी कार्यालय में चला रहे हैं, वहां से रिकार्ड उठाकर तहसील कार्यालय में रखने का काम करेंगे। उन्हें जगह मिले या नहीं मिले, यह देखना सरकार का काम है।
Patwari protest : सरकार की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि जिस भी एजेंसी से सरकार ने लिस्ट तैयार करवाई है, वह उसकी वास्तविकता पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि इस लिस्ट में दो नाम तो ऐसे हैं, जिनकी दो साल पहले मौत हो चुकी है। कैथल के ओमप्रकाश पटवारी और गुरुग्राम के देवेंद्र पटवारी का नाम लिस्ट में भ्रष्टाचारियों की लिस्ट में लिखा गया है जबकि इन दोनों कर्मियों की दो साल पहले ही मौत हो चुकी है। जयवीर चहल ने कहा कि विभाग से अनजान लोगों द्वारा लिस्ट तैयार की गई है।

वह अपराधियों को संरक्षण देना नहीं चाहते लेकिन इस लिस्ट से पटवारियों को सरकार ने कहीं का नहीं छोड़ा। उनकी मांग है कि जिस तरह से लिस्ट सार्वजनिक कर पटवारियों तथा विभाग के साथ व्यवहार किया गया है, इसकी निष्पक्ष जांच कर सरकार पटवारियों और विभाग की इज्जत बचाने का काम करे।
कैथल में सीएम नायब सैनी द्वारा मामले की जांच करवाए जाने पर कहा कि वह सीएम की प्रशंसा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि सीएम नायब सैनी को लिस्ट को लेकर जानकारी नहीं हो और जिस एजेंसी ने यह लिस्ट बनाई, वह सरकार और पटवारियों के बीच मतभेद पैदा करना चाहती हो।