PR Paddy : जींद पीआर धान की सरकारी खरीद एक सितंबर से शुरू होगी। जिसको लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मुख्यालय की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है। पहले 23 सितंबर से पीआर धान की खरीद शुरू करने की संभावना थी। एजेंसियों को पीआर धान की खरीद के लिए मंडियां अलाट होनी बाकी हैं।
जिले में करीब 30 हजार हेक्टेयर में पीआर धान की फसल है। पीआर धान को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदती है। पीआर धान की फसल पकने वाली है और जल्द ही कटाई होने के बाद मंडियों में आवक शुरू हो जाएगी। पीआर धान की रोपाई अगेती होती है और ये बासमती धान की तुलना में जल्दी पकती है। जिले में सबसे ज्यादा पीअार धान की खेती नरवाना और उचाना क्षेत्र में ही होती है। इसलिए नरवाना व उचाना की मंडियों में ही सबसे ज्यादा पीआर धान की आवक होती है।
PR Paddy : केंद्र सरकार ने इस बार पीआर धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। वहीं बासमती धान समर्थन मूल्य वाली फसलों में शामिल नहीं है। बासमती धान की फसल को मंडियों में परचेजर खरीदते हैं और दूसरे देशों में इसका निर्यात होता है। मांग बढ़ने पर बासमती धान के भाव भी पिछले दो साल में किसानों को अच्छे मिले हैं। पिछले साल 4800 रुपये प्रति क्विंटल तक बासमती 1121 धान बिका था। बासमती 1121 धान की आवक मंडियों में अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू होती है। इस बार भी बासमती 1121 धान का किसानों को अच्छा भाव मिलने की उम्मीद है।
मौसम ने बढ़ाई परेशानी
15 सितंबर के आसपास प्रदेश से मानसून की विदाई का समय माना जाता है। लेकिन इस बार मानसून की विदाई देरी से होगी। 18 और 19 सितंबर को भी जिले में वर्षा हुई है। जिससे पीआर धान की कटाई में देरी हुई। मौसम विभाग के अनुसार 25 सितंबर तक मानसून की सक्रियता कम होने के चलते मौसम खुश्क रहने की संभावना है। उसके बाद दोबारा प्रदेश में हल्की वर्षा होने की संभावना है। जिससे पीआर धान की कटाई का काम प्रभावित हो सकता है।
PR Paddy : खरीद को लेकर आ चुका है पत्र : सचिव
मार्केट कमेटी जींद के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि पीआर धान की समर्थन मूल्य पर खरीद 23 सितंबर की बजाय एक अक्टूबर से शुरू होगी। इस संबंध में पत्र आ चुका है। खरीद के लिए एजेंसियों को मंडियां अलाट होने का पत्र अभी नहीं आया है। जल्द ही मंडियां अलाट होने की संभावना है। मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार मंडी में पीआर धान की खरीद को लेकर पूरी तैयारी है। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।