जार्डन में आयोजित हो रही अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप (World championship) में जींद के बुडायन गांव की पुलकित कंदोला (Pulkit Kandola) ने 65 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता है। फाइनल मुकाबले में पुलकित ने रसिया की पहलवान को 6-3 से पटखनी देते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पुलकित ने दो साल पहले किर्गिस्तान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में भी भाग लिया था और उस दौरान उसके घुटने में चोट लग गई। इसके बावजूद भी वह खेलती रही और सिल्वर मेडल जीता लेकिन इस बार पुलकित ने सिल्वर को गोल्ड में बदल दिया।
पुलकित की जीत पर उनके पिता प्रभात कंदोला ने बताया कि जार्डन में हो रही विश्व चैंपियनशिप (World Championships in Jordan) में पुलकित का पहला मुकाबला जर्मनी की पहलवान के साथ हुआ, जिसमें पुलकित ने 9-2 से जीत हासिल की। दूसरे मैच में चीन की खिलाड़ी को 9-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
क्वार्टर फाइनल में इटली की पहलवान को 9-0 से पटखनी दी और सेमीफाइनल में इजराइल को 3-0 से हराया। इसके बाद वीरवार रात 10 बजे हुए फाइनल मुकाबले में रसिया की पहलवान को 6-3 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
पुलकित (Pulkit Kandola) पिछले एक साल से हिसार की सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी में जसबीर ढाका कोच के पास प्रेक्टिस कर रही हैं। पुलकित ने पड़ाना के वजीर पहलवान के पास छह साल पहले कुश्ती सीखना शुरू किया था। पुलकित की मां कुसुम, पिता प्रभात, चाचा रोहित, मास्टर विकास बूरा ने बताया कि पुलकित का सपना ओलिंपिक में गोल्ड मेडल लाने का है और इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रही है।
Wrestler Pulkit Kandola :चोट लगने के बाद भी नहीं मानी हार
पुलकित कंदोला को दो साल पहले किर्गिस्तान में हुई एशियन चैंपियनशिप में खेलते समय चोट लग गई थी। उसके घुटनों के लीगामेंट टूट गए थे। चोट के बावजूद भी वह खेलती रही और उस चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। वहां से आने के बाद आपरेशन करवाया, डेढ़ साल तक कुश्ती से दूर रही।
ठीक होने के बाद फिर से मेहनत शुरू की और आखिरकार गोल्ड जीता। प्रभात कंदोला ने बताया कि इससे पहले पुलकित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी हैं तो पंचकूला में खेलो इंडिया में भी पुलकित का गोल्ड था। जींद पहुंचने पर बेटी का जोरदार स्वागत किया जाएगा।