Jind Railway underpass shed : जींद जिले के 30 से ज्यादा गांवों, कस्बों के दो लाख से ज्यादा लोगों के लिए राहत भरी खबर है। जींद से पानीपत, सोनीपत, बठिंडा रेलवे लाइन पर बने अंडरपास पर शेड लगाने का काम शुरू हो गया है। अगले वर्ष बरसाती सीजन से पहले शेड का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद अंडरपास में भरने वाले पानी से निजात मिल जाएगी। हर साल बरसाती सीजन में अंडरपास में पानी भर जाने के कारण रास्ता बंद हो जाता है। चार साल पहले रोडवेज की बस लुदाना के पास रेलवे अंडरपास में भरे पानी में डूब गई थी।
जींद से पानीपत, सोनीपत, रोहतक, कुरुक्षेत्र, बठिंडा की तरफ ट्रेन जाती हैं। इन रेलवे लाइन पर 15 से ज्यादा अंडरपास बने हुए हैं और अंडरपास के जरिये 30 से ज्यादा गांव जुड़े हुए हैं। उचाना, सफीदों, जुलाना कस्बे में भी अंडरपास बनाए गए हैं। इनमें ज्यादातर पर शेड नहीं लगे हुए हैं। बरसात होते ही ये अंडरपास तालाब का (Jind Railway underpass shed )रूप ले लेते हैं।
बरसाती सीजन में अंडरपास में 10 फीट से ज्यादा पानी भर जाता है। जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर लुदाना-मोरखी के बीच बने रेलवे अंडरपास में तो चार साल पहले रोडवेज बस भी डूब गई थी। यात्रियों को बस की छत पर चढ़ाकर बाहर निकालना पड़ा था। करीब दो साल पहले एक बुजुर्ग व्यक्ति लुदाना से माेरखी की तरफ जा रहा था।
अंडरपास में गहराई पता नहीं थी और वह पानी में उतरकर पार करने लगा, तो इसमें डूब गया था। इसके बाद लुदाना, मोरखी, गांगोली, भागखेड़ा, मालसरी खेड़ा के ग्रामीणों ने कई दिनों में यहां धरना दिया और आंदोलन करते हुए आरओबी बनाने की मांग की थी। जींद-सोनीपत पर लुदाना-मोरखी के बीच में, भड़ताना-चाबरी, बराह-सुंदरपुरा के बीच में अंडरपास बने हैं, जिन पर शेड नहीं लगे हैं। अब इन पर शेड लगाने का काम शुरू हो चुका है।
Jind railway underpass : 30 से ज्यादा गांव अंडरपास के जरिये जुड़े
रेलवे ने सभी फाटक को मानवरहित बनाने के लिए यहां अंडरपास बनाए हैं। ये अंडरपास आपस में कई गांवों को जोड़ते हैं। जींद-सोनीपत रेलवे लाइन पर लुदाना, मोरखी, भागखेड़ा, चाबरी, भिड़ताना, बराह कलां, सुंदरपुर समेत 15 से ज्यादा गांवों को ये अंडरपास जोड़ते हैं। जींद शहर में रोहतक रोड, भिवानी रोड, पुराना हांसी रोड को भी देवीलाल चौक पर बने अंडरपास और रजबाहा रोड पर बने अंडरपास बाकी शहर से जोड़ते हैं।
जुलानी, जलालपुर खुर्द, जलालपुर कलां, जाजवान, संगतपुरा गांवों को अंडरपास जोड़ता है। बड़ौदा में बना अंडरपास दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे को खापड़, भौंगरा, बुडायन, मखंड, बनभौरी तक कनेक्टिविटी रखता है। उचाना मंडी में बने दो अंडरपास से भी उचाना खुर्द समेत कई गांव जुड़ते हैं। 30 से ज्यादा गांवों के दो लाख से ज्यादा लोगों को अंडरपास पर शेड लगने से फायदा होगा।
Railway underpass shed : उचाना, जुलाना क्षेत्र में राहत की जगह आफत बने हुए हैं अंडरपास
उचाना में लितानी रोड पर अंडरपास बनने के बाद लोगों को फाटक पर लगने वाले जाम से तो राहत मिली, लेकिन बरसात के सीजन में यह अंडरपास आफत बनने लगा। अंडरपास में पानी भरने के बाद दोपहिया वाहन से लेकर छोटी गाड़ियों के लिए तो रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता है। इसी तरह की परेशानी बड़ौदा गांव में बने अंडरपास के कारण ग्रामीणों को हो रही है। दिल्ली बठिंडा रेलवे लाइन पर जुलाना में किलाजफरगढ़ के पास भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब शेड लगने से ग्रामीणों और कस्बे के लोगों को काफी राहत मिलेगी।