RBI Policies And Bank Interest Rates: नई दिल्ली: भारत में अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2% पर पहुंच गई, जबकि सितंबर में यह दर 5.5% थी। महंगाई में यह वृद्धि मुख्य रूप से सब्जियों, फलों और खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों के कारण हुई है। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के महंगाई लक्ष्य से ऊपर हो गई है, जिससे आने वाली मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना टल सकती है।
RBI और ब्याज दर नीति: महंगाई दर का बढ़ना RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह ब्याज दरों में कटौती को रोक सकता है। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि अक्टूबर में महंगाई 6% से ऊपर रहने की संभावना को देखते हुए दिसंबर की बैठक में ब्याज दरों में कोई कमी नहीं होगी। RBI के गवर्नर शशिकांत दास ने पहले ही साफ कर दिया था कि वर्तमान में ब्याज दरों में कोई कटौती की संभावना नहीं है, और यह स्थिति कुछ समय तक यथास्थित रहने की संभावना है।
RBI Policies And Bank Interest Rates:विदेशी केंद्रीय बैंकों के कदम: कनाडा और यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने इस साल ब्याज दरों में कटौती की है, और अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना पर विचार कर रहा है। हालांकि, भारत में बढ़ती महंगाई के कारण RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती का रास्ता मुश्किल हो सकता है।
भारत में प्रमुख बैंकों की ब्याज दरें (नवंबर 2024 तक):
1. होम लोन की ब्याज दरें:
SBI: 8.50% से 10.20%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.40% से 10.90%
पंजाब नेशनल बैंक (PNB): 8.40% से 10.15%
ICICI बैंक: 8.85% से 10.50%
HDFC लिमिटेड: 8.95% से 10.65%
RBI Policies And Bank Interest Rates:2. कार लोन की ब्याज दरें:
SBI: 8.70% से 10.50%
HDFC बैंक: 8.85% से 12.75%
एक्सिस बैंक: 8.90% से 13.00%
ICICI बैंक: 8.85% से 12.50%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.50% से 10.70%
3. शिक्षा ऋण की ब्याज दरें:
SBI: 9.15% से 11.50% (देश और विदेश में पढ़ाई के लिए अलग दरें)
PNB: 8.85% से 11.85%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.75% से 10.50%
ICICI बैंक: 10.25% से 12.00%
एक्सिस बैंक: 10.75% से 13.00%
Conclusion: महंगाई में वृद्धि और RBI द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना को टालने के कारण, कर्ज लेने वाले लोगों के लिए EMI में राहत मिलने की संभावना फिलहाल कम है। हालांकि, भविष्य में हालात बदलने के साथ कर्ज पर ब्याज दरों में कोई बदलाव हो सकता है।