Sharad Purnima Date: शरद पूर्णिमा का पावन पर्व इस वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा, लेकिन चंद्रमा की स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ है। आइए जानें इस पर्व का सही मुहूर्त और इसकी विशेषताएँ।
भारत में हर पर्व का अपना एक विशेष महत्व होता है और शरद पूर्णिमा भी इनमें से एक है। इस बार शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर कुछ असमंजस है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष अश्विन माह की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 16 अक्टूबर को रात 8:40 बजे से शुरू होकर 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे तक रहेगी। हालांकि, चंद्रमा की उपस्थिति के आधार पर इस पर्व को 16 अक्टूबर (बुधवार) को मनाना उचित रहेगा।
Sharad Purnima Date: शरद पूर्णिमा का महत्व
शरद पूर्णिमा को पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है, जिसे अमृतमयी माना जाता है। मान्यता है कि इस रात आसमान से अमृत की बूंदें गिरती हैं, जिससे खीर में औषधीय गुण समाहित हो जाते हैं।
इस साल का मुहूर्त
शरद पूर्णिमा 2024 के लिए मुहूर्त कुछ इस प्रकार है:
चांद का उदय: 16 अक्टूबर को शाम 5:05 बजे
सूर्यास्त: 16 अक्टूबर को शाम 5:50 बजे
खीर रखने का समय: शाम 7:18 बजे से रेवती नक्षत्र में
विशेष योग और परिस्थितियाँ
इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर रवि योग का संयोग भी है, जो सुबह 6:23 बजे से शाम 7:18 बजे तक रहेगा। लेकिन, इस पर्व पर भद्रा और रोग पंचक का भी प्रभाव रहेगा। भद्रा का प्रारंभ रात 8:40 बजे से होगा, जो अगले दिन सुबह 6:23 बजे तक जारी रहेगा।
इस प्रकार, Sharad Purnima का पर्व इस वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें विशेष ध्यान देना आवश्यक है। खीर रखने के लिए शुभ समय का ध्यान रखते हुए, इस दिन के महत्व को समझें और अपने परिजनों के साथ मिलकर इसे मनाएं। इस दिन की गई पूजा और दान से पुण्य की प्राप्ति होती है।