Julani library study : जींद : गांव जुलानी की बेटियों को प्रतिदिन शहर की लाइब्रेरी में आकर पढ़ाई करने में परेशानी आ रही थी तो गांव के मौजिज लोगों और युवाओं ने मिलकर गांव में ही चौपाल में लाइब्रेरी खोल दी। दादा खेड़ा लाइब्रेरी के नाम से शुरू की गई इस लाइब्रेरी से पढ़कर दो साल में अब तक 18 युवा सरकारी नौकरी लग चुके हैं।
इतना ही नहीं, जो युवा सरकारी नौकरी लगता है, वह अपनी पहली सेलरी या क्षमता के अनुसार राशि लाइब्रेरी के कोष में दान भी कर रहा है, जो अनूठी पहल है। पूरे क्षेत्र में जुलानी की इस लाइब्रेरी की प्रशंसा होने लगी है। गांव के सरपंच, विभिन्न सरकारी विभागों में लगे गांव के लोगों द्वारा कमेटी बनाकर सफल संचालन किया जा रहा है।
इसकी शुरूआत मई 2022 में हुई थी। गांव की बेटियों को प्रतिदिन शहर में विभिन्न लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए आने और वापस जाने में परेशानी आ रही थी तो आने-जाने में समय भी लग जाता था। इस पर गांव की रीतू ने अपने परिवार के सदस्यों से बात की और गांव में ही लाइब्रेरी खोलने के लिए कहा, ताकि उन्हें शहर नहीं जाना पड़े।
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परिवार के सदस्यों को रीतू की बात ठीक लगी तो गांव की चौपाल में सरपंच, पंच समेत मौजिज लोगों, युवाओं को बुलाया और रीतू के प्रस्ताव को ग्रामीणों के सामने रखा गया। सभी को प्रस्ताव पसंद आया तो लाइब्रेरी कहां खोली जाए, यह चुनौती सामने आई। पहले सरकारी स्कूल में लाइब्रेरी खोलने को लेकर बात की लेकिन यहां बात नहीं बनी। इसके बाद चौपाल में ही ऊपर बने दो कमरों में लाइब्रेरी खोलने पर सहमति बनी।
गांव में चंदा एकत्रित किया गया। लोगों ने किसी ने फर्नीचर तो किसी ने एसी, सोलर पंप, इन्वर्टर, दान किया। 15 मई 2022 को लाइब्रेरी की शुरूआत कर दी गई। शुरूआत में पांच से 10 लड़कियां आई, इसके बाद धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ी और लाइब्रेरी की सभी 30 कुर्सियां फुल हो गई। लाइब्रेरी सुबह आठ बजे खुल जाती है और देर रात जब तक बच्चे पढ़ाई करते हैं, तब तक खुली रहती है।
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Julani village library : गांव से ये युवा लग चुके सरकारी नौकरी
लाइब्रेरी की देख रेख कर रहे सुनील सहारण ने बताया कि वह सिंचाई विभाग में बेलदार लगा हुआ है लेकिन खाली समय में लाइब्रेरी में बैठकर देखरेख करता है और युवाओं का मार्गदर्शन करता है। सुनील ने बताया कि पिछले दो सालों में गांव की रीतू जिसका चंडीगढ़ पुलिस में, हरियाणा ग्रुप-डी और ग्राम सचिव में चयन हुआ।
इसमें रीतू ने ग्राम सचिव की नौकरी की। इसके अलावा अमित सहारण टीजीटी अंग्रेजी, पूनम ग्राम सचिव, विशाल ग्रुप डी, सचिन व गौरव बीएसएफ हेड कांस्टेबल, नितिन, हितेश जेडीएस, संदीप एएलएम, साहिल हरियाणा पुलिस में लगे हैं। ये भी इसी लाइब्रेरी में तैयारी करते थे। अब नए बच्चे सीइटी की तैयारी कर हैं। लाइब्रेरी में आने वाले बच्चों को उचित मार्गदर्शन दिया जाता है तो वहीं ग्रुप डिस्कशन, प्रश्नाें के डाउट दूर किए जाते हैं।
दादा खेड़ा लाइब्रेरी की कमेटी में बिजली निगम एक्सइएन गांव के महावीर को प्रधान बनाया गया है। उनके अलावा सरकारी नौकरी कर रही अनीता, भीम सिंह सहारण, नरेंद्र, सरपंच नरेश भुक्कल, देवीलाल सहारण, रविंद्र, काला फौजी शामिल हैं।
Dada khera library julani : गांव का मिल रहा सहयोग, सभी करते हैं लाइब्रेरी में दान
सुनील सहारण ने बताया कि लाइब्रेरी के संचालन में पूरे गांव का सहयोग है। गांव में जब भी खुशी का मौका होता है तो लाइब्रेरी में दान करते हैं। चाहे किसी का जन्मदिन हो, नई गाड़ी ले, बेटा-बेटी जन्म ले तो वह लाइब्रेरी में दान करने पहुंच जाते हैं।
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पिछले दिनों ग्राम सचिव लगी रीतू ने भी लाइब्रेरी में 31 हजार रुपये का दान दिया था। लाइब्रेरी में कैमरे, वाईफाई, एसी की सुविधा है। फिलहाल 15 से ज्यादा लड़कियां और करीब 15 लड़के स्वयं पढ़ाई कर रहे हैं। इस तरह की पहल काफी प्रेरणादायक है।