डीसी के सामने पेश हुआ मुर्दा और कहा साहब मैं जिंदा हूं , मुझे सैलरी दिलवा दो

Parvesh Malik
5 Min Read

Haryana Public Health big Mistake : पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की बड़ी गलती के कारण से एक जिंदा कर्मचारी को मृत ही घोषित कर दिया गया। जबकि यह कर्मचारी अपने आप जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की मीटिंग में हाजिर हो हो गया। इस कर्मचारी ने मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे डीसी धर्मेंद्र सिंह के सामने रोते हुए अपनी कहानी सुनाई। डीसी ने पूरा मामले का संज्ञान लेने के बाद इस कर्मचारी को लंबित मानदेय का भुगतान करने और हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट करने के निर्देश जारी किए।

जानिए पूरा मामला

दरअसल जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की मासिक मीटिंग की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार को करनी थी, मगर वे किन्हीं कारणों से पहुंच नहीं पाए। जिसके बाद डीसी धर्मेंद्र सिंह ने मीटिंग की अध्यक्षता की। इस मीटिंग में 16 शिकायत रखी गई थी। सबसे आखिरी शिकायत लोकल रामलीला पड़ाव वाल्मीकि बस्ती निवासी विजय कुमार की थी। वह पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में पिछले 16 वर्ष से अनियमित कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा है। उसने वर्ष 2008 में ठेकेदार के माध्यम से पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में पंप ऑपरेटर के रूप में नौकरी शुरू की थी, मगर कोरोना महामारी के दौरान उसके आधार कार्ड में कुछ गड़बड़ी करके उसे मृत घोषित कर दिया, जबकि वह महामारी में भी ड्यूटी देता रहा। इसके बाद भी उसे नौकरी से हटा दिया और कोई पैसा भी नहीं दिया।

2 साल करवाई ड्यूटी
डीसी के सामने विजय कुमार ने बताया कि पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों ने उससे नवंबर 2022 से लेकर 31 मार्च 2024 तक ड्यूटी करवाई, मगर कोई सैलरी नहीं दी। इसके बारे में तत्कालीन एक्सईएन फूल सिंह से मिलकर बात की तो उन्होंने कहा कि ड्यूटी करते रहो, आपका नाम चढ़ जाएगा और पैसा मिल जाएगा, मगर कोई भुगतान नहीं हुआ। फिलहाल उसकी ड्यूटी ओल्ड बस के नजदीक है। उसके पास पीएफ अकाउंट भी है। लॉग बुक में भी हाजिरी लगती है। लेबर कोर्ट में भी उसके हक में फैसला आ चुका है। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों की गलती के कारण से उसे रिकॉर्ड में मृत दर्शा दिया गया। इस वजह से उसका कई महिने तक  मानदेय लंबित है।

The dead man appeared before the DC and said Sir, I am alive, please get me my salary
The dead man appeared before the DC and said Sir, I am alive, please get me my salary

दोबारा ड्यूटी की पर 6 महीने नहीं मिली सैलरी
ऐसे में विजय कुमार, डीसी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में हाजिर हुआ और वहां अपनी दर्द भरी कहानी सुनाई। अपनी कहानी सुनाते समय वह रो पड़ा। उसने कहा कि वह ड्यूटी कर रहा है, हाजिरी भी लॉग बुक में लगती है लेकिन सिस्टम ने उसे मार दिया। कोरोना महामारी के समय भी वह ड्यूटी पर सच्चे मन से आता रहा। आगे विजय कुमार ने बताया कि 18 फरवरी को उसे नौकरी से हटा दिया गया, जिसके बाद 19 फरवरी केो डीसी से मिला तो दोबारा ड्यूटी पर ले लिया। पिछले 6 माह से ड्यूटी दे रहा हू, मगर आज तक कोई सैलरी नहीं मिली। उसे जनवरी 2024 में एचकेआरएन में भी शामिल करते हुए नाम दर्ज किया गया, मगर उसके माध्यम से भी कोई सैलरी नहीं मिली।

3 लाख 83 हजार 321 रुपए मुआवजे के रूप में मिलेंगे
पाठकों को बता दें कि, विजय कुमार ने लेबर कोर्ट में केस भी किया था, जिसमें उसे जीत मिली। कोर्ट ने डिपार्टमेंट को 3 लाख 83 हजार 321 रुपए मुआवजे के रूप में देने के निर्देश दिए हुए हैं, मगर वह पैसा भी आज तक नहीं मिला है। घर का गुजारा भी मुश्किल से चल रहा है, विभाग उसे तिल तिल मरने पर विवश कर दिया है। इस पर डीसी धर्मेंद्र सिंह ने पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एक्सईएन से इस बारे में जवाब मांगा। हालांकि वह स्पष्ट तौर पर कोई जवाब नहीं दे पाया गया। केवल इतना कहा कि रिकॉर्ड में गलती की वजह से यह सब हुआ होगा। इसके बाद डीसी ने लेबर कोर्ट के फैसले के आधार पर विजय कुमार को लंबित मानदेय का भुगतान करने और एचकेआरएन में पोर्ट कराने के आदेश जारी कर दिए। इस पर एक्सईएन ने बताया कि इस समय पोर्टल बंद है। जिसके बाद डीसी ने कहा कि जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की मीटिंग की कार्यवाही के आधार पर कर्मचारी को मानदेय का भुगतान कराया जाए।

Web Stories

Share This Article
49999 में खरीदें इलेक्ट्रिक स्कूटर120 KM रेंज और 4 घंटे में फुल चार्ज, लाइसेंस फ्री और टैक्स फ्री पेट्रोल का झंझट खत्म, अब बिना पेट्रोल चलेगी Hero HF Deluxe Flex Fuel सबसे सस्ती बाइक हरियाणा के 81 लाख बिजली उपभोक्ताओं को झटका, 3 साल बाद महंगी हुई बिजली… जानें नए रेट शरीर में कैंसर का पहला लक्षण क्या होता है ? महिलाओं में थायराइड बढ़ने पर दिखते हैं ये 6 लक्षण