पकौड़ी का ठेला लगाने वाले की बड़ी बेटी आईएएस अफसर, छोटी MBBS करके बनी डॉक्टर

Parvesh Malik
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Success Story of Deepesh Kumari : शिक्षा ही एक ऐसा संघर्ष है, जिसके तहत गरीब से गरीब आदमी अपनी पहचान समाज में लोकप्रिय बना सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है। कुछ एक ऐसी कहानी हम आपको लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं। राजस्थान के भरतपुर के अटल बंध क्षेत्र के कंकड़ वाली कुइया क्षेत्र के निवासी गोविंद कुमार सड़क पर ठेला लगाकर पकौड़ी बेचते हैं।

गोविंद 25 सालों तक यही काम करके 7 सदस्यों के अपने परिवार का गुजारा किया। उनके 5 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और वह घर में कमाने वाले इकलौते सदस्य थे। छोटे से कमरे में रहते हुए उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं आने दी और उनके सपनों को एक उड़ान दी। मगर गौरव की बात यह है कि उनकी बेटी दीपेश कुमारी के IAS अफसर बन जाने के बाद भी उन्होंने ठेला लगाना बंद नहीं किया था।

The elder daughter of a pakoda stall vendor is an IAS officer, while the younger one completed MBBS and became a doctor
The elder daughter of a pakoda stall vendor is an IAS officer, while the younger one completed MBBS and became a doctor

गोविंद के सभी बच्चे पढ़ाई में है होनहार

वर्ष 2021 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास करने के बाद दीपेश कुमारी अपने छोटे भाई-बहनों के लिए प्रेरणा बन गईं। यह उनकी अच्छी शख्सियत का ही प्रभाव था कि उनकी देखा-देखी उनके भाई बहनों ने भी करियर के लिए ऊंचे सपने देखे और उन्हें प्राप्त किया। दीपेश कुमारी खुद आईएएस अफसर बन गईं, उनकी एक बहन डॉक्टर बन गई और 2 भाई-बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इस पूरे परिवार ने साबित कर दिया कि इरादे मजबूत हों तो जीवन की कोई भी बाधा आपके हौसले डगमगा नहीं सकती है।

दीपेश कुमारी बनी आईएएस अफसर

पाठकों को बता दें कि, दीपेश कुमारी अपने 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। वह बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में हमेशा इंटेलिजेंट रहीं। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई शिशु आदर्श विद्या मंदिर से की दीपेश कुमारी ने 10वीं में 98% और 12वीं में 89% अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद उन्होंने जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर IIT मुंबई से एमटेक। फिर 1 वर्ष तक निजी कंपनी में नौकरी करने के बाद UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए रिजाइन कर दिया।

The elder daughter of a pakoda stall vendor is an IAS officer, while the younger one completed MBBS and became a doctor
The elder daughter of a pakoda stall vendor is an IAS officer, while the younger one completed MBBS and became a doctor

आईएएस दीपेश कुमारी हासिल की 93वीं रैंक

दीपेश कुमारी वर्ष 2020 में यूपीएससी सीएसई के पहले प्रयास में असफल हो गई थीं। मगर उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुनी लगन के साथ तैयारियों में जुट गईं। अपनी 1 साल की नौकरी से इकट्ठा हुई सेविंग से दीपेश कुमारी ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी की। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई।

वर्ष 2021 में यूपीएससी परीक्षा के दूसरे अटेंप्ट में उन्होंने ऑल इंडिया 93वीं रैंक प्राप्त कर ली। इस रैंक के साथ उनका आईएएस में सिलेक्शन हो गया। आईएएस ट्रेनिंग पूरी करने के बाद दीपेश कुमारी को झारखंड कैडर अलॉट किया गया है। वह सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं।

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