Jind temprature : मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। तापमान बढ़ने और पिछले दिनों तेज हवा चलने की वजह से गेहूं की फसल में किसानों को जल्दी सिंचाई करनी पड़ रही है। वहीं जनवरी के बाद फरवरी के पहले पखवाड़े में भी वर्षा ना होने से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। दोपहर के समय गेहूं की फसल में पौधे धूप की वजह से मुरझा रहे हैं। किसानों को इस बार गेहूं का उत्पादन घटने की आशंका है।
जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। अगेती फसल में बालियां आ चुकी हैं। वहीं जिन किसानों ने दिसंबर में गेहूं की फसल की पछेती बिजाई की है, उसमें मौसम अनुकूल ना होने से ज्यादा नुकसान की आशंका है। ज्यादा तापमान की वजह से फसल समय से पहले पकेगी और बालियों में गेहूं के दाने का पकाव भी अच्छे से नहीं हो पाएगा। गेहूं की फसल के लिए दिसंबर से फरवरी के दौरान वर्षा के साथ ठंड व धुंध जरूरी होती है।
लेकिन जनवरी व फरवरी के पहले पखवाड़े में तापमान ज्यादा रहा है। वहीं धुंध व ठंड का असर भी कम रहा है। रविवार दोपहर को आसमान में बादल छाए थे, लेकिन वर्षा नहीं हुई। दिन का अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है। हालांकि तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
जरूरत अनुसार गेहूं की फसल में सिंचाई करें किसान
चौधरी चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा से मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि जनवरी में जिले में सामान्य से कम वर्षा हुई और तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। फरवरी के पहले सप्ताह में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना बनी थी, लेकिन वर्षा नहीं हुई। पहले पखवाड़े में वर्षा ना होने और तेज हवा चलने से गेहूं की फसल में सिंचाई की जल्दी जरूरत पड़ी है। किसान जरूरत अनुसार गेहूं की फसल में सिंचाई करते रहें।