TRAI MNP: हाल ही में दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) से संबंधित नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसका उद्देश्य देश के करोड़ों टेलीकॉम यूजर्स को ऑपरेटर बदलने की प्रक्रिया और उससे जुड़ी शर्तों के प्रति जागरूक बनाना है। TRAI ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इन नियमों को साझा किया है।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि ग्राहक अपना मोबाइल नंबर बदले बिना ही सर्विस प्रोवाइडर बदल सकते हैं। इस प्रक्रिया में मौजूदा और नए टेलीकॉम ऑपरेटर के साथ मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर (MNPSP) की भी भूमिका होती है, जो बैकएंड पोर्टिंग प्रक्रिया को पूरा कराता है।
TRAI MNP: TRAI की नई गाइडलाइंस में क्या है खास?
TRAI ने हाल ही में MNP के नियमों को दोबारा स्पष्ट किया है, ताकि यूजर्स बिना किसी परेशानी के ऑपरेटर बदल सकें। देश में निजी टेलीकॉम कंपनियों के महंगे प्लान्स की वजह से हाल के दिनों में BSNL जैसे सरकारी ऑपरेटरों में बड़ी संख्या में यूजर्स ने अपना नंबर पोर्ट कराया है।
हालांकि, अगर आप भी अपना ऑपरेटर बदलने की योजना बना रहे हैं, तो TRAI द्वारा जारी की गई कुछ महत्वपूर्ण शर्तों को जानना ज़रूरी है, क्योंकि इन 5 वजहों से आप अपना ऑपरेटर नहीं बदल पाएंगे।
TRAI MNP: इन 5 वजहों से नहीं कर पाएंगे MNP
1. 90 दिन से कम सर्विस का इस्तेमाल: अगर किसी यूजर ने मौजूदा ऑपरेटर की सर्विस 90 दिनों से कम समय तक इस्तेमाल की है, तो वह MNP के लिए एलिजिबल नहीं होंगे।
2. ओनरशिप ट्रांसफर प्रक्रिया में हो: अगर यूजर के नंबर की ओनरशिप ट्रांसफर की रिक्वेस्ट पहले से प्रोसेस में है, तो उस स्थिति में MNP नहीं किया जा सकता है।
3. बकाया बिल हो: पोस्टपेड यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है कि अगर उन्होंने अपने मौजूदा ऑपरेटर का बकाया बिल नहीं चुकाया है, तो उनका नंबर पोर्ट नहीं किया जा सकेगा।
4. अदालती प्रतिबंध हो: अगर यूजर का नंबर किसी अदालत के आदेश के तहत प्रतिबंधित किया गया है, तो भी MNP प्रक्रिया नहीं हो पाएगी।

5. न्यायालय में विचाराधीन मामला: जिस नंबर के लिए पोर्टिंग रिक्वेस्ट की गई है, यदि वह किसी कानूनी मामले में विचाराधीन है, तो भी MNP संभव नहीं होगा।
अगर आप भी टेलीकॉम ऑपरेटर बदलने की सोच रहे हैं, तो TRAI की इन गाइडलाइंस को ज़रूर ध्यान में रखें। MNP प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। TRAI के इस कदम से टेलीकॉम यूजर्स को जागरूक और सुरक्षित तरीके से ऑपरेटर बदलने की सुविधा मिलेगी।