Tulsi wala shaadi ka card : जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक अनोखा और ईको-फ्रेंडली शादी का कार्ड चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह कार्ड, जो पूरी तरह से हैंडमेड पेपर और वेजिटेबल इंक से बना है, सिर्फ पानी में डालने से तुलसी के पौधे उगाने की क्षमता रखता है। इसे जबलपुर के पूर्व कृषि वैज्ञानिक रजनीश दुबे और उनकी बेटी शुभाषिनी दुबे ने मिलकर तैयार किया है।
इस शादी के कार्ड की अनूठी विशेषताएं
1. हैंडमेड पेपर और वेजिटेबल इंक का उपयोग:
यह shadi ka card न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि इसे बनाने में प्लास्टिक या हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
2. पानी में डालने पर तुलसी के पौधे उगते हैं:
कार्ड को पानी में लगभग 12 घंटे तक रखने पर इसमें से तुलसी के पौधे (Tulsi wala shaadi ka card) उगने लगते हैं। यह प्रक्रिया शादी की खुशियों को पर्यावरण संरक्षण के संदेश से जोड़ती है।
3. कार्ड का खर्चा और अट्रैक्टिव स्टाइल:
इस अनोखे शादी के कार्ड को बनाने में केवल 60 रुपये का खर्च आता है और यह आकर्षक डिजाइन के साथ पर्यावरण के लिए फायदेमंद है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का संदेश
रजनीश दुबे का कहना है कि शादी जैसे अवसरों पर इस प्रकार के कार्ड (Plant wala shaadi ka card) का उपयोग रिश्तेदारों को एक अनोखा और स्थायी तोहफा देता है। उनकी बेटी शुभाषिनी कहती हैं कि शादी की खुशियों के साथ अगर पर्यावरण की सुरक्षा हो जाए, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है।
तुलसी का महत्व और दूल्हा-दुल्हन के लिए आशीर्वाद
शादी के कार्ड से उगने वाले तुलसी के पौधे भारतीय परंपरा में पवित्र माने जाते हैं। जैसे-जैसे ये पौधे बढ़ते हैं, वे दूल्हा-दुल्हन के लिए आशीर्वाद का प्रतीक बनते हैं।
एक छोटा प्रयास, बड़ा बदलाव
रजनीश और शुभाषिनी का यह प्रयास उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो शादी या अन्य आयोजनों में पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। यह कार्ड सिर्फ शादी का निमंत्रण नहीं, बल्कि पर्यावरण को बेहतर बनाने का एक सार्थक कदम है।
इस तरह के इनोवेशन से न केवल परंपराओं में नयापन आता है, बल्कि हमारी प्रकृति की ओर जिम्मेदारी भी बढ़ती है।