Delhi CM Rekha gupta village : जींद जिले मेे जुलाना के नंदगढ़ गांव की बेटी रेखा गुप्ता ने वीरवार को दिल्ली में सीएम पद की शपथ ली। रेखा के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के बाद से ही गांव में जश्न मनाया जा रहा है। दीवाली की तरफ पटाखे फोड़े गए तो गांव में मिठाई बांटी गई। गांव के लोग गाड़ियों में भरकर दिल्ली शपथ ग्रहण समरोह में गए। गांव की महिलाओं ने नाच-गाकर खुशी मनाई।
पुरानी यादों को सांझा करते हुए बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि उन्होंने रेखा गुप्ता को गोद में खिलाया है। महिलाओं ने रेखा गुप्ता के घर आंगन में खेलते बचपन की यादों को ताजा किया।
बुधवार की रात को जैसे ही रेखा गुप्ता को विधायक दल की नेता चुना गया और मुख्यमंत्री के लिए नाम आगे किया गया तो परिवार, पड़ोस, जान-पहचान वालों के पास फोन बजने लगे और बधाइयां मिलने लगी।
रेखा के पैतृक गांव नंदगढ़ में लोगों ने एकत्रित होकर जश्न मनाया। इसके बाद पटाखे फोड़े गए। वीरवार को सुबह गांव की लगी से लेकर चौपाल तक, चौक से लेकर मंदिर तक हर किसी की जुबान पर रेखा गुप्ता और उसके परिवार की बातों और यादों की ही चर्चा चल रही थी।

रेखा गुप्ता के पैतृक निवास को गांव के ही चांदीराम ने खरीदा हुआ है। चांदीराम के परिवार की महिला सुमन ने बताया कि रेखा के पिता की दिल्ली बैंक में नौकरी लग गई थी, इसलिए गांव की पैतृक संपत्ति को बेचकर परिवार के लोग दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। उन्होंने इस मकान को खरीद लिया और इस मकान का पुनर्निर्माण करवाया है।
हालांकि उनकी पुरानी हवेल की एक दीवार अभी भी बची है और इसी में उनकी यादें हैं। रेखा के दादा के भाई और परिवार के दूसरे लोग शिवरात्रि और दूसरे धार्मिक कार्यक्रम के मौकों पर आते रहते हैं। जब भी गांव में आते हैं तो यहां जरूर मिलकर जाते हैं। रेखा के मुख्यमंत्री बनने पर उनके ही मकान में महिलाओं ने गीत गाए, नाच-गाकर खुशी मनाई। लड्डू बांटे गए।

गांव में रेखा के दादा मनीराम और परिवार के लोगों ने शिव मंदिर का निर्माण करवाया हुआ है। शिव मंदिर में भी गांव के सरपंच रोहताश, पूर्व सरपंच हरिओम शर्मा, पंडित रामकुमार समेत काफी लोग एकत्रित हुए। यहां पर भी लड्डू बांटे गए।
पूर्व सरपंच हरिओम ने बताया कि उनके गांव की बेटी के दिल्ली में मुख्यमंत्री बनने पर वह भाजपा और आरएसएस का आभार जताते हैं। भाजपा की 21 राज्यों में सरकार है, लेकिन पार्टी ने महिला केवल हरियाणा की ही चुनी है। रेखा गुप्ता का जन्म गांव में ही हुआ और उनके पिता जय भगवान जिंदल बैंक में मैनेजर थे। 1976 में उनका परिवार दिल्ली चला गया।