हरियाणवी संगीत और पारंपरिक कला के संगम से एक नया सितारा (Mukesh Nath) उभर कर आया है। मुकेश नाथ, जो एक पारंपरिक सपेरा जाति से संबंध रखते हैं, अपने अनोखे अंदाज और बीन बजाने की कला के कारण सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।
नागिन की तरह कमर लहराते हुए बीन बजाने और हरियाणवी गानों पर शानदार डांस करने का उनका अंदाज हरियाणा समेत पूरे देश में लोकप्रिय हो गया है। उनकी प्रसिद्धि का मुख्य कारण (Who is Mukesh Nath) एक वायरल वीडियो है, जिसमें वह “चिलम के सुट्टे” गाने पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं।
खानदानी बीन बजाने की कला को लेकर समर्पित मुकेश नाथ (Mukesh Nath) जी
मुकेश नाथ का बीन बजाने का सफर उनके परिवार से ही शुरू हुआ। वह सपेरा जाति से ताल्लुक रखते हैं और यह कला पीढ़ियों से उनके परिवार में चली आ रही है। बीन बजाने की तकनीक को उन्होंने अपने घर के बुजुर्गों से सीखा है। दिलचस्प बात यह है कि वह अपनी बीन खुद ही बनाते हैं।
इसके लिए वह लौकी के जैसे एक विशेष पौधे के बीज का उपयोग करते हैं, जिनसे उगने वाली नरसल और पत्तियों को मिलाकर बीन तैयार की जाती है। बीन बजाने की कला को लेकर वह बताते हैं कि इसके लिए नाक से नकसीर खींचनी पड़ती है, जो इसे बजाने की विशेष तकनीक है।
Mukesh Nath : बीन बजाने से नहीं आता कोई सांप : मिथक और हकीकत:
बीन और सपेरों का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले सांप का ख्याल आता है। लेकिन मुकेश नाथ खुद कहते हैं कि बीन बजाने से कोई सांप नहीं आता। यह केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक है जिसे सांपों से जोड़कर देखा जाता है। उनका मानना है कि बीन बजाना केवल एक संगीत कला है, जो सांपों को आकर्षित नहीं करती बल्कि एक अनोखी धुन पैदा करती है।
मुकेश नाथ (Mukesh Nath) की टीम में 9 सदस्यों का सहयोग:
मुकेश नाथ के साथ उनकी एक पूरी टीम काम करती है जिसमें 9 सदस्य होते हैं। इनमें से 3 सदस्य बीन बजाते हैं, 3 लोग तुम्बा, खाक खतले जैसे वाद्य यंत्र बजाते हैं, और 3 सदस्य ढोल और भांगड़ा के ताल में कार्यक्रम को खास बनाते हैं। यह टीम विभिन्न शादियों, धार्मिक कार्यक्रमों और सांस्कृतिक आयोजनों में अपनी प्रस्तुति देती है।
वायरल वीडियो ने बदली सपेरे मुकेश नाथ ज़िन्दगी (Mukesh Nath viral video)
मुकेश नाथ का वीडियो वायरल होने के बाद उनकी प्रसिद्धि में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इस वीडियो को गांव जाट माजरा, सोनीपत के भंडारे में योगी बाबा देवनाथ ने रिकॉर्ड किया था, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। इसके बाद से उनके पास विभिन्न आयोजनों के लिए बुकिंग की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। अब लोग खासतौर पर उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाते हैं ताकि वह अपनी बीन बजाने और डांस की कला का प्रदर्शन कर सकें।
Mukesh Nath : हरियाणवी गाने पर डांस से बढ़ी लोकप्रियता :
मुकेश नाथ की प्रसिद्धि का एक और बड़ा कारण हरियाणवी गाना “चिलम के सुट्टे” (Chilam ke Sutte )है। इस गाने पर उन्होंने अपनी बीन की धुन और डांस का अनोखा मेल प्रस्तुत किया है। यह गाना राज मावर की आवाज में है, जिसमें हरियाणवी संगीत की झलक और स्थानीय रंग बखूबी उभर कर आता है। यह गाना YouTube और Instagram Reels पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसपर अभी तक 1.5 करोड़ से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं और इसे लेकर लोग खासे उत्साहित हैं।
हरियाणा की संस्कृति का प्रतीक :
मुकेश नाथ और उनकी टीम हरियाणा की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक हैं। वह अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों और लोक धुनों के माध्यम से न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे राज्य में सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रख रहे हैं। डीजे के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, वह पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने में सफल हो रहे हैं।
पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित जीवन :
मुकेश नाथ अपने जीवन को पारिवारिक और सांस्कृतिक मूल्यों से प्रेरित मानते हैं। वह मानते हैं कि बीन बजाना और सांस्कृतिक कार्यक्रम करना केवल एक पेशा नहीं है, बल्कि यह उनकी संस्कृति और धरोहर का हिस्सा है। उनका उद्देश्य इस कला को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना और इसे जीवित रखना है।
Mukesh nath viral : वर्तमान में बुकिंग और भविष्य की योजनाएं
वायरल वीडियो के बाद से ही मुकेश नाथ की बुकिंग्स में काफी इजाफा हुआ है। हरियाणा और आस-पास के राज्यों में उनके कार्यक्रमों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। वह बताते हैं कि अब लोग समाचार चैनलों और अन्य मीडिया माध्यमों से भी उनकी कला के बारे में जानने आते हैं। भविष्य में वह अपनी कला को और भी बड़े स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं, ताकि इसे देश के कोने-कोने में पहुंचाया जा सके।
निष्कर्ष: लोक कला का अनोखा संगम
मुकेश नाथ ने अपनी मेहनत और समर्पण से एक पारंपरिक कला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनका बीन बजाने का अंदाज और हरियाणवी गानों पर डांस ने उन्हें एक नई पहचान दी है। सोशल मीडिया के युग में, जहां नए-नए कलाकार उभर कर आते हैं, मुकेश नाथ ने साबित किया है कि पारंपरिक कला भी आज के दौर में अपनी विशेष जगह बना सकती है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो अपनी संस्कृति और धरोहर को जीवित रखने के लिए प्रयासरत हैं।