Youth Mahotsav: हरियाणा के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आ रहा है जिला युवा महोत्सव – 2024। प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से यह महोत्सव 18-19 नवंबर और 21-22 नवंबर को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। इस महोत्सव में भाग लेने के इच्छुक युवा 12 नवंबर, 2024 तक निःशुल्क पंजीकरण करा सकते हैं।
पहला चरण और दूसरा चरण
Youth Mahotsav का पहला चरण फरीदाबाद, पलवल, नूंह, गुरुग्राम, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, चरखी दादरी, सोनीपत और भिवानी जिलों में 18 और 19 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। वहीं दूसरा चरण 21 और 22 नवंबर को अम्बाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक, कैथल, हिसार, जींद, फतेहाबाद और सिरसा में होगा।
प्रतियोगिताएं और पुरस्कार
Youth Mahotsav में समूह और एकल लोक नृत्य, लोकगीत, कहानी लेखन, पोस्टर मेकिंग, भाषण प्रतियोगिता और फोटोग्राफी जैसी अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। इन प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों के लिए नकद पुरस्कार की राशि 1100 रुपये से लेकर 21,000 रुपये तक रखी गई है।
इसके अतिरिक्त, लोक कला और राज्य के पारंपरिक लोक नृत्य पर विशेष प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। इस महोत्सव में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार की थीम पर आधारित विज्ञान मेला और प्रतियोगिताएं भी शामिल हैं।
पात्रता और शर्तें
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए युवाओं की उम्र 16 जनवरी, 2025 को 15 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह हरियाणा के स्थायी निवासी होने चाहिए। पंजीकरण प्रक्रिया निःशुल्क है, जिससे अधिक से अधिक युवा इसमें भाग ले सकें।
पंजीकरण और अधिक जानकारी के लिए संपर्क
यूथ महोत्सव में भाग लेने के इच्छुक युवा अपने-अपने जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य या नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, अधिक जानकारी के लिए www.prharyana.gov.in पर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
आयोजनकर्ताओं का उद्देश्य
हरियाणा सरकार के कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशालय, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, और राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह महोत्सव युवाओं को उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का एक प्रयास है। आयोजन समिति का मानना है कि इस महोत्सव के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी।