Zamin New Update: अब किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी किसी भी भाषा में मिट्टी और फसल की जानकारी, देखिए जिलेवार मिट्टी और फसलों की लिस्ट

Anita Khatkar
3 Min Read

Zamin New Update: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में स्थित डॉ. मंगलसेन कृषि विज्ञान संग्रहालय को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। अब किसान यहां आकर एक क्लिक में डिजिटल मानचित्र के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों की मिट्टी और फसल संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह सुविधा किसानों को उनकी मिट्टी के अनुसार उपयुक्त फसलों की जानकारी देकर फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और उनकी आमदनी में इजाफा करने के लिए शुरू की गई है।

HAU के कुलपति, प्रोफेसर BR काम्बोज ने बताया कि यह डिजिटल मानचित्र किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को सही फसल चुनने में मदद करना है। इस संग्रहालय में मिट्टी के सैंपल भी रखे गए हैं ताकि किसान प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल कर सकें।

Zamin New Update: संग्रहालय की सुविधाएं और समय

यह संग्रहालय सप्ताह के सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। मात्र 50 रुपये के टिकट पर कोई भी व्यक्ति यहां आकर इन अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।

Zamin New Update: जिलेवार मिट्टी और फसल संबंधी जानकारी

रेतीली मिट्टी: Sandy soil

जिले: हिसार, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़

उपयुक्त फसलें: बाजरा, सरसों, मूंग, ग्वार

दोमट मिट्टी: Loamy Soil

जिले: कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, हिसार, फतेहाबाद, पानीपत, सोनीपत, यमुनानगर

उपयुक्त फसलें: कपास, गेहूं, चावल, राया, सब्जियां, किन्नू, अमरूद, आंवला

गादिया दोमट मिट्टी: Gadiya Loamy Soil

जिले: अम्बाला, गुड़गांव, नूंह, यमुनानगर, पंचकूला
उपयुक्त फसलें: मक्का, चावल, अमरूद, आंवला

चिकनी मिट्टी: Clay Soil

जिले: कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल
उपयुक्त फसलें: धान, गन्ना, गेहूं, चावल, सब्जियां, आम, अमरूद, आंवला

Zamin New Update: अब किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी किसी भी भाषा में मिट्टी और फसल की जानकारी, देखिए जिलेवार मिट्टी और फसलों की लिस्ट
Zamin New Update: अब किसानों को एक क्लिक पर मिलेगी किसी भी भाषा में मिट्टी और फसल की जानकारी, देखिए जिलेवार मिट्टी और फसलों की लिस्ट

Zamin New Update: ऑडियो रिकॉर्डिंग से भाषा की बाधा खत्म

संग्रहालय में हिंदी और अंग्रेजी में ऑडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। यदि कोई किसान पढ़ने में असमर्थ है, तो वह हिंदी या अंग्रेजी में ऑडियो के माध्यम से मिट्टी और फसलों की जानकारी प्राप्त कर सकता है।

इस पहल से उम्मीद है कि प्रदेश के किसान सही जानकारी पाकर अपनी फसलों की पैदावार बढ़ा सकेंगे और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।

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