98 People Life Imprisonment Verdict: कोप्पल (कर्नाटक): कर्नाटक के कोप्पल जिला एवं सत्र न्यायालय ने जातीय संघर्ष के एक ऐतिहासिक मामले में SC/ST अत्याचार अधिनियम के तहत 98 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 2014 में कोप्पल जिले के गंगावती तालुका के मरुकुम्बी गाँव में हुए इस जातीय संघर्ष में दलित समुदाय के घरों में आगजनी और हिंसा की घटनाएँ हुई थीं।
98 People Life Imprisonment Verdict:10 साल बाद दलितों को मिला न्याय
28 अगस्त 2014 को शिवा सिनेमा में फिल्म की टिकट को लेकर उच्च जाति और दलित युवाओं के बीच विवाद हुआ, जो बाद में बड़े संघर्ष में बदल गया। इस संघर्ष के दौरान दलित समुदाय की झोपड़ियों में आग लगा दी गई, मारपीट और जातिगत अपशब्दों का भी प्रयोग हुआ। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले में कुल 117 लोगों पर आरोप लगाए गए थे, जिनमें से 101 दोषी करार दिए गए। इनमें से 98 लोगों को उम्रकैद और तीन को हल्की सजा मिली, क्योंकि जातिगत अपशब्द का आरोप तीन लोगों पर साबित नहीं हुआ।
98 People Life Imprisonment Verdict:देश में एक साथ सबसे ज्यादा लोगों को मिली उम्रकैद
यह फैसला देश के इतिहास में अपनी तरह का पहला है, जिसमें जातीय संघर्ष के एक ही मामले में इतने अधिक लोगों को सामूहिक सजा सुनाई गई। इससे पहले 2003 में छत्तीसगढ़ में NCP नेता रामअवतार जग्गी हत्याकांड में 27 आरोपियों को उम्रकैद दी गई थी, और 2022 में UP के हमीरपुर में 17 लोगों को सामूहिक सजा दी गई थी।
जातीय हिंसा पर सख्त संदेश
इस फैसले का उद्देश्य जातीय हिंसा के खिलाफ एक सख्त संदेश देना है। कोर्ट के जस्टिस चंद्रशेखर सी ने इस फैसले को समाज में जाति आधारित हिंसा को रोकने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। सरकारी वकील अपर्णा बूंदी के अनुसार, अदालत ने सभी दोषियों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।