Jind salesman suspend : जींद जिले के जुलाना थाना में रविवार को डीएपी खाद के टोकन किसानों को बांटने की गाज हैफेड के सेल्समैन राजेश पर गिरी है। हैफेड के डीएम ने इसे लापरवाही मानते हुए सेल्समैन को सस्पेंड कर दिया है।
रविवार को जुलाना में 1986 डीएपी के बैग पहुंचे थे। खाद लेने के लिए किसानों की ज्यादा भीड़ जुट गई। खाद वितरण में कोई हंगामा ना हो, वहीं 1986 बैगों का कैश भी लाखों रुपये बनता है, भारी भीड़ के होने की वजह से अकेले सेल्समैन के लिए कैश संभालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में पुलिस थाने में किसानों की लाइन लगवा कर टोकन दिए गए।
पुलिस थाना में टोकन देने के समय हैफेड के सेल्समैन राजेश के साथ-साथ कृषि विभाग और सहाकारी समितियां सहायक रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी भी उपस्थित थे। लेकिन गाज केवल हैफेड के सेल्समैन पर गिरी है।
हैफेड एमडी संदीप पूनिया का कहना है कि किसानों की ज्यादा भीड़ के कारण पुलिस थाने में डीएपी के टोकन किसानों को दिए गए। लेकिन इसके बारे में सेल्समैन ने अधिकारियों को पहले सूचना नहीं दी। अगर वह पहले सूचना देता, तो बिक्री केंद्र पर ही पूरी व्यवस्था की जाती, पुलिस थाने में जाने की जरूरत नहीं थी। इस मामले में सरकार काफी गंभीर है।
बगैर अनुमति गोदाम में यूरिया का स्टाक, फर्म का लाइसेंस निलंबित
वहीं खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग और सीएम फ्लाइंग कैथल की टीम डीलर्स के यहां छापेमारी कर रही है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने खाद की आपूति और पात्र किसानों को समय पर उपलब्ध करवाने को लेकर खुद निगरानी रख रहे हैं। सोमवार देर शाम नरवाना में टीम ने एक गोदाम में छापेमारी की। बगैर अनुमति के यूरिया स्टाक किए जाने पर डीलर का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी के गोदाम व दुकान की जांच पड़ताल के दौरान यह तथ्य सामने आए कि उक्त फर्म ने बिना अनुमति के यूरिया खाद के बैग अपने गोदाम में स्टाक किए हुए थे। जिनका लाइसेंस में कोई इंद्राज भी नहीं था। नियमों की उल्लंघना पाए जाने पर जिला कृषि उप निदेशक डा. गिरिश नागपाल ने खाद विक्रेता फर्म के दोनों थोक लाइसेंस को आगामी 15 दिनों के लिए निलंबित कर खाद की बिक्री तुरंत प्रभाव से बंद कर दी। खाद को लेकर इस तरह का निरीक्षण अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।
800 टन डीएपी जींद पहुंची, आज होगा वितरण
जींद जिले के लिए मंगलवार को 800 टन डीएपी खाद पहुंची है। जिसका वितरण बुधवार को करवाया जाएगा। इससे किसानों और प्रशासन को कुछ राहत मिलेगी। मंगलवार को जींद पुरानी अनाज मंडी में निजी डीलर के यहां पर डीएपी का स्टाक उपलब्ध था। डीलर से खाद लेने के लिए दिनभर किसानों की भीड़ लगी रही। मौके पर पुलिस भी तैनात रही। डीएपी के विकल्प के तौर पर मार्केट में टीएसपी (ट्रिपल सुपर फास्फेट) खाद आई हुई है।
कृषि अधिकारियों का कहना है कि डीएपी की ही तरह टीएसपी में भी 46 प्रतिशत फास्फोरस है। इसके बावजूद किसान टीएसपी खाद लेने से पीछे हट रहे हैं और डीलर से डीएपी खाद की ही मांग कर रहे हैं। अब तक जिले में डीएपी खाद की आपूर्ति की बात करें, तो 15,900 टन डीएपी खाद पहुंच चुकी है। मंगलवार को मिली 800 टन डीएपी सहित कुल 16,700 टन डीएपी खाद प्राप्त हो चुकी है।
गेहूं की बिजाई के लिए कुल 26 हजार टन डीएपी की जरूरत है, यानि अभी करीब साढ़े नौ हजार टन डीएपी और चाहिए। कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने कहा कि जिले में जरूरत के अनुसार किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध करवाई जा रही है। जिले में कितना स्टाक उपलब्ध प्रतिदिन डीलर्स व बिक्री केंद्रों से रिपोर्ट ली जा रही है।