Jind ka mausam : जींद जिले में पिछले कुछ दिनों से चल रही शीत लहर से सुबह व शाम को कड़ाके की ठंड (jind temprature) हो रही है। रविवार की रात सीजन सबसे ठंडी रात रही। न्यूनतम तापमान दो डिग्री तक आ पहुंचा है। सुबह गर्म कपड़े पहनने के बावजूद घर से बाहर निकलने पर कंपकपी छूट रही थी। धूप निकलने के बाद ठंड से कुछ राहत मिली और लोग दोपहर को भी बाहर बैठकर धूप सेंकते नजर आए। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी दो डिग्री न्यूनतम तापमान रह सकता है।
जिससे जिले में कहीं-कहीं पाला भी जम सकता है। उसके बाद अगले कुछ दिन न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि दिसंबर के पहले पखवाड़े में धुंध नहीं छाई है। गेहूं की फसल के लिए ठंड के साथ धुंध जरूरी है। धुंध से गेहूं की फसल में फुटाव अच्छा होता है और नमी बनी रहने से सिंचाई भी जल्दी नहीं करनी पड़ती है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में सुबह व शाम को धुंध छा सकती है।
Jind ka mausam : बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत
बच्चे व बुजुर्ग ठंड की चपेट में जल्दी आते हैं। इसलिए बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचाने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि बच्चों को ठंड के मौसम में फर्श पर ना खेलने दें। उन्हें गर्म वस्त्र पहनाएं। बुजुर्ग भी सुबह-शाम को ठंड के समय घर से बाहर ना निकलें। ठंडी चीजों से परहेज करें। गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
पशुओं का भी ठंड से बचाव जरूरी
पशुओं के लिए ऐसा शेड या भवन होना चाहिए, जिससे ठंड से बचाव हो सके। ऐसे स्थानों पर पशुओं को ना बांधें, जहां शीत लहर या ठंड की चपेट में आएं। इससे पशु बीमार पड़ सकते हैं। ठंड में दूध उत्पादन भी घट सकता है। इसलिए दूध देने वाले पशुओं को पोष्टिक और ज्यादा आहार दें। अगर पानी ज्यादा ठंडा हो, तो गर्म करके पशुओं को पिलाएं।