Sawan Horoscope 2024 : 22 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इस राशि के जातकों पर होगी बाबा भोले की सबसे ज्यादा कृपा

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
The month of Sawan is starting from 22nd July, the people of this zodiac sign will be blessed the most by Baba Bhole.
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Sawan Horoscope 2024 : आने वाली 22 जुलाई को बाबा भोले भंडारी के पावन महीने ‘सावन’ की शुरुआत होने वाली है जिसे हरियाणा प्रदेश की देसी बोली में सामण भी कहा जाता है । यह सावन का महीना बाबा भोले भंडारी के भगतों के लिए किसी त्यौहार से भी बड़ा होता है । सावन महीने की शुरुआत से ही सड़कों पर ‘बम-बम’ भोले के जयकारों की तेज गूंज वातावरण को भक्तिमय बना देती हैं ।

एक तरफ जहां सारा भारत हरिद्वार से कावड़ यात्रा करता है दूसरी तरफ विदेशी अंगतुक भी इस पावन महीने में अपनी श्रद्धा भाव दर्शाते हुए त्रिलोचन भगवान शिव की भक्ति में डूब जाते हैं । कावड़ के साथ भगत शिवलिंग पर जल भी चढ़ाते है आगे जानेंगे जल चढ़ाने की शुद्ध पौराणिक तरीका।

 

भोले बाबा की भक्ति का स्वरूप इसलिए है निराला

सावन महीने में भोले बाबा की भक्ति में पूरा संसार डूब जाता है । बाबा भोले भारत ही नहीं पूरे विश्व में माने जाते हैं । धरती का कोई ही हिस्सा होगा जहां उनके प्रमाण ना पाए गए हों । हर देश में उनकी भक्ति की छाप के चिन्ह आज भी साफ दिखाई देते हैं ।

भारत में मेरु पर्वत,पार्वती वैली,हिमालय,नीलकंठ से धरती के कण कण में उनका स्वरूप भक्तों का दिखाई पड़ता है । भक्त अपनी भक्ति से बाबा से जीवन में खुशी का आशीर्वाद बनाए रखने की कामना करते हैं । कहते है कि भोले के भक्तों को बिना मांगे ही सब कुछ मिल जाता है लेकिन भक्तों की भक्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए ।

शिवलिंग की पूजा के अलावा भक्तों के जीवन में आदर्श मूल्य होने चाहिए तभी बाबा भोले का आशीर्वाद मिल सकता है ।

 

सावन महीने में बाबा की इस प्रकार पूजा से मिलेगा सबसे अधिक लाभ

सावन के खास महीने के भक्तिमय माहौल में सावन महीने के सोमवार को व्रत रखने से बाबा भोले भंडारी की सबसे ज्यादा कृपा प्राप्त की जा सकती है । इस पावन महीने में शिवालयों में शिवलिंग पर पानी का कलश रखा जाता है जिससे निरंतर पानी का प्रवाह होता रहता है । यह जल सीधा शिवलिंग पर पड़ता रहता है ।

इस भक्ति के स्वरूप के अलावा कुछ शिवालयों या शिव मंदिरों में शिवलिंग पर नाग के रूप के छत्र लगे होते हैं । इन छत्रों को वासुकी नाग का प्रतिक माना जाता है । आप शिवलिंग पर जल चढ़ाकर बाबा भोले से अपने जीवन के दुखों को मिटाने की जैसे ही कामना करोगे वैसे ही आपके दुखों का कम होना शुरू हो जाएगा ।

आप बाबा भोले की पूजा से जीवन में स्वास्थ्य लाभ के साथ मानसिक तनाव,पैसे की कमी,परिवार में कलह,जादू टोना टोटका, बुरी नजर आदि से आजीवन के लिए छुटकारा पा सकते हैं ।इसके लिए आपका जीवन आदर्श भक्ति से भरा होना जरूरी है । आप परोपकारी के साथ साथ दिल से साफ होगें तो बाबा आपके बिना मांगे ही सारी इच्छाओं की पूर्ति कर देंगे ।

 

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का ये है वैदिक तरीका

जल चढ़ाने के लाभ तो इतने हैं कि बस जान लो कि इससे जीवन में अद्भुत शांति आ जाती है । अब देश के अलग अलग शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के तरीके भी भिन्न भिन्न हैं । आपके मन में बाबा भोल नाथ के प्रति भक्ति भाव है तो तरीके से इतना फर्क नहीं पड़ता लेकिन फिर भी छत्र चढ़ाने में गलती की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए । यदि आपको सही तरीका नही पता तो आज जान लो जल चढ़ाने का सही तरीका ताकि भविष्य में ना ही गलती हो और ना ही भक्ति का लाभ कम हो।

 

आइए जानते हैं जल चढ़ाने के वैदिक तरीके

  • सबसे आसान तरीका तो ये है कि अपने नजदीक के शिव मंदिर पर प्रतिदिन सुबह नहाकर बिना कुछ खाए लोटे से जल चढ़ाएं ।
  • रोग मुक्ति के लिए उत्तर दिशा की ओर मुंह करके लोटे से शिवलिंग को जल चढ़ाएं ।
  • पारिवारिक सुख शांति और सफलता के लिए अशोक सुंदरी वाले स्थान से शिवलिंग के शीश तक जल चढ़ाएं ।
  • अन्य मनोकामना पूर्ति हेतु लोटे में जल लेकर पहले श्री गणेश जी,फिर कार्तिकेय जी और अशोक सुंदरी को जल चढ़ाएं ।
  • उसके बाद शिवलिंग के गोल भाग में घुमाकर जलधारा बनाते हुए जल को शिवलिंग के शीश तक धारा में ही चढ़ाएं ध्यान रहे तांबे के लोटे से ही जल चढ़ाएं ।

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