PM Modi tour Ukraine 2024 : मोदी ने पुतिन को दिया धोखा ? पीएम मोदी के कीव दौरे से बढ़ी चर्चाएं, रूस-भारत संबंधों पर क्या होगा असर?

Parvesh Malik
By Parvesh Malik
Did Modi betray Putin? Discussions increased due to PM Modi's visit to Kiev, what will be the impact on Russia-India relations?
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PM Modi tour Ukraine 2024 : मोदी ने पुतिन को दिया धोखा ? पीएम मोदी के कीव दौरे से बढ़ी चर्चाएं, रूस-भारत संबंधों पर क्या होगा असर?: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अचानक यूक्रेन दौरा न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। इस दौरे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी महत्वपूर्ण भूमिका की ओर बढ़ रहा है? या फिर यह दौरा पश्चिमी देशों के साथ संबंधों में संतुलन लाने की एक रणनीति है? यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है।

 

मोदी का कीव दौरा: शांति की पहल या नई रणनीति?

पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे ने कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और कूटनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ मोदी की मुलाकात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। द इमेज इंडिया इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष रोबिंदर सचदेव का कहना है कि पीएम मोदी का यह दौरा केवल डिप्लोमैसी का एक हिस्सा है, जहां भारत खुद को एक संतुलित और निष्पक्ष भूमिका में प्रस्तुत कर रहा है।

 

क्या भारत बना सकता है 

Did Modi betray Putin? Discussions increased due to PM Modi's visit to Kiev, what will be the impact on Russia-India relations?
Did Modi betray Putin? Discussions increased due to PM Modi’s visit to Kiev, what will be the impact on Russia-India relations?

मध्यस्थ?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को बढ़ावा देना नहीं है, बल्कि यह भारत की कूटनीति का हिस्सा है। रूस और यूक्रेन के बीच जब भी शांति वार्ता होगी, तो भारत का उसमें शामिल होना रूस के हित में होगा, क्योंकि इससे रूस को यह भरोसा होगा कि कम से कम एक पुराना मित्र देश वार्ता में शामिल है। इसके साथ ही, यह भी संभव है कि जेलेंस्की अब अपने पहले दिए गए बयान पर पुनर्विचार करें, जिसमें उन्होंने मोदी के रूस दौरे की आलोचना की थी।

 

रूस-भारत संबंधों पर दौरे का असर

जहां तक रूस-भारत संबंधों का सवाल है, यह दौरा इन पर ज्यादा असर नहीं डालेगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी तन्मय लाल का पहले भी यह स्पष्ट बयान रहा है कि एक के साथ होने का मतलब दूसरे के खिलाफ होना नहीं है। मोदी और पुतिन के बीच पहले से ही मजबूत संबंध हैं, और यह दौरा इस रिश्ते को कमजोर नहीं करेगा।

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Did Modi betray Putin? Discussions increased due to PM Modi’s visit to Kiev, what will be the impact on Russia-India relations?

 

कूटनीतिक संतुलन और वैश्विक समीकरण

भारतीय मीडिया में इस दौरे को लेकर चर्चाएं तेज हैं, लेकिन यह साफ है कि यह दौरा केवल कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास है। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध के समीकरण में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। हालांकि, यह दौरा यह संकेत जरूर देता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को लेकर काफी सजग और संतुलित है।

 

पीएम मोदी का यह दौरा अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका और उसकी संतुलित कूटनीति का प्रतीक है। भारत ने इस दौरे के माध्यम से अपने पुराने संबंधों को बनाए रखते हुए, एक नए समीकरण की शुरुआत की है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में यह दौरा रूस-यूक्रेन के समीकरणों में क्या बदलाव लाता है, और भारत की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।

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