Adulterated ghee : जींद में सालों से चल रहा मिलावटी घी का कारोबार, वनस्पति घी में दो बूंद एसेंस केमिकल की डालते ही तैयार हो जाता है नकली घी, 5 साल में 4 बार पकड़ा भारी मात्रा में नकली घी

Adulterated ghee : जींद में नकली और मिलावटी देशी घी के करोबार की जड़ें काफी गहरी हैं। विभाग और प्रशासन इसे उखाड़ नहीं पा रहा है। कभी राजनीतिक दबाव में तो कभी शिकायत नहीं आने का बहाना विभाग द्वारा बनाया जाता है और साल में एक बार भी घी की सैंपलिंग(Ghee sampling) नहीं हो पाती। 500 रुपये से ज्यादा प्रति लीटर मिलने वाला देशी घी शहर में अमरेहड़ी रोड, सफीदों गेट समेत कुछ एरिया में 180 से 200 रुपये प्रति लीटर मिल जाता है।

दुकानदार अपनी दुकानों के बाहर रखकर इस घी को शुद्धता की गारंटी के साथ बेचते हैं लेकिन आज तक विभाग यहां सैंपलिंग के लिए नहीं पहुंच पाया है। पिछले पांच साल में शिकायत के आधार पर जब भी कार्रवाई हुई तो विभाग को नकली और मिलावटी घी पकड़ा (Fake Ghee in Jind) है। प्रशासन की नाक के नीचे बने नकली देशी घी के गोदाम तक स्थानीय खाद्य सुरक्षा तथा खुफिया विभाग तो नहीं पहुंच पाया लेकिन दिल्ली क्राइम ब्रांच ने इस गोदाम से दो हजार लीटर नकली देशी घी बरामद किया है।

बुधवार की रात को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अमरहेड़ी रोड पर गोदाम में छापेमारी की। इसमें टीम को नकली देसी घी, निर्माण सामग्री और विभिन्न ब्रांडों के रेपर व अन्य सामान भी मिला। इसके बाद टीम ने नई सब्जी मंडी के निकट गोदाम पर छापेमारी की। जहां दो हजार लीटर नकली देसी घी, 2500 लीटर वनस्पति घी व रिफाइंड, गैस सिलेंडर, भट्ठी, पैकिंग करने की मशीन बरामद की।

इसके अलावा बड़े ब्रांडों के खाली डिब्बे, टिन और टेट्रा पैकेट बरामद हुए। पिछले कुछ सालों में जब भी छापेमारी होती है तो भारी मात्रा में मिलावटी घी बरामद होता रहा है। इसके बावजूद भी खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा छापेमारी न करना सवालिया निशान खड़े कर रहा है।

 

180 से 200 रुपये प्रति लीटर मिल जाता है देशी (raid Adulterated ghee)
ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध देशी घी एक हजार रुपये प्रति लीटर और वीटा तथा लक्ष्य का घी 550 से 650 रुपये प्रति लीटर मिलता है। सफीदों गेट, अमरेहड़ी रोड पर देशी घी 180 से 200 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। दुकानदार शुद्ध देशी घी का दावा भी कर रहे हैं। इस घी का टेस्ट और इसमें से सुगंध देशी घी की तरह ही आती है। देखने में भी हू-ब-हू देशी घी जैसा ही ये घी भी नजर आता है लेकिन कुछ जगह पर वनस्पति घी और रिफाइंड में एसेंस (सुगंधित द्रव्य) मिलाकर इस तरह का घी तैयार कर बेचा जाता है।

इस तरह से तैयार किया जाता है नकली (Adulterated ghee jind raid) देशी घी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और छापेमारी करने वाले अधिकारियों की मानें तो नकली घी बनाने वाले कारोबारी सस्ता वनस्पति घी लेते हैं। इसके एक टिन (15 किलोग्राम) में एसेंस नामक केमिकल की दस से 12 बूंद डाली जाती हैं। इसके बाद वनस्पति घी को गर्म किया जाता है। केमिकल से घी में ठीक वैसा ही दाना बन जाता है, जैसा देसी घी में होता है। केमिकल का असर यह होता है कि इससे वनस्पति घी में देसी की तरह ही खुशबू भी आती है। इसके बाद इस घी को ठंडा करके मशीन द्वारा ही पैक कर दिया जाता है।

 

पांच साल में चार बार पकड़ा जा चुका है बड़ी मात्रा में नकली (Adulterated ghee) घी
जींद में पांच साल में चार बार बड़ी मात्रा में नकली घी पकड़ा जा चुका है। पिछले साल स्थानीय प्रशासन ने नई सब्जी मंडी के पास ही एक घर में चल रही नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री को पकड़ा था। जहां से करीब एक हजार लीटर नकली देसी घी बरामद किया था।

2020 में भी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम और सीआईए पुलिस ने एक घर में नकली घी तैयार करते पकड़ा था। इसके अलावा दो साल पहले जुलाना के गांव देशखेड़ा में नकली देशी घी तैयार करते हुए पकड़ा था। यहां से टीम को पैकिंग मशीन, रबड़ी की बड़े ब्रांड की मोहर, घी में डालने वाला केमिकल मिला था। आरोपित इस घी को आसपास के क्षेत्र में सप्लाई करता था।

वर्जन..
विभाग के पास जब भी शिकायत आती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। दीवाली से पहले भी सैंपलिंग की गई थी। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जो नकली देशी घी पकड़ा है, वह दिल्ली क्षेत्र में ही सप्लाई किया जा रहा था। अगर यहां पर सप्लाई होता तो उनकी पकड़ में आ जाता।

–इंस्पेक्टर याेगेश, खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी, जींद।

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