AI-Powered Spam Call Detection: नई दिल्ली: स्पैम कॉल्स और फर्जी SMS से निपटने के लिए भारत की टेलीकॉम कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रही हैं। इस तकनीक की मदद से एयरटेल ने पिछले ढाई महीनों में 8 अरब स्पैम कॉल्स और 80 करोड़ स्पैम SMS की पहचान की है। इस दौरान कंपनी ने रोजाना 10 लाख स्पैमर का पता लगाया।
अन्य टेलीकॉम कंपनियों की पहल:
वोडाफोन आइडिया: 2 दिसंबर6 2024 से इस तकनीक को लागू कर चुकी है।
BSNL: अक्टूबर 2024 से स्पैम कॉल्स पर नियंत्रण करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
रिलायंस जियो: इस दिशा में काम कर रही है।
स्पैम कॉल्स और SMS का विश्लेषण:
एयरटेल नेटवर्क पर कुल कॉल्स का 6% स्पैम कॉल्स थीं।
कुल SMS का 2% हिस्सा स्पैम था।
35% स्पैम कॉल्स में लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल किया गया।
ढाई महीने के भीतर 25.2 करोड़ यूनिक यूजर्स को स्पैम कॉल्स के बारे में सतर्क किया गया।
स्पैम कॉल्स के निशाने पर कौन?
76% स्पैम कॉल्स के टारगेट पुरुष ग्राहक थे।
48% कॉल्स 36-60 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को की गई।
26% कॉल्स 26-35 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को आईं।
8% कॉल्स वरिष्ठ नागरिकों के नंबर पर की गईं।
22% स्पैम कॉल्स ऐसे फोन पर की गईं जिनकी कीमत 15-20 हजार रुपये के बीच थी।
भविष्य की रणनीति:
टेलीकॉम कंपनियां AI और मशीन लर्निंग तकनीकों को और उन्नत कर रही हैं, जिससे स्पैम कॉल्स और फर्जी SMS को और अधिक प्रभावी तरीके से रोका जा सके। एयरटेल और अन्य कंपनियां इसे लेकर ग्राहकों को सतर्कता संदेश भी भेज रही हैं, ताकि ठगी और अनचाही कॉल्स से बचा जा सके।
इस तकनीक के साथ, भारतीय टेलीकॉम सेक्टर ने स्पैम कॉल्स और फर्जी SMS से लड़ाई में एक बड़ा कदम उठाया है।