Toll plaza: पंजाब में किसानों का आंदोलन एक बार फिर उग्र रूप ले रहा है। धान की उचित खरीद न होने और मंडियों में फसलों का सही मूल्य न मिलने के विरोध में किसानों ने आज से राज्य के सभी Toll plaza फ्री करने का ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने इस कदम की घोषणा करते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज होगा।
Toll प्लाजा free और नेताओं के घरों पर धरने
किसान नेताओं ने बताया कि 18 अक्टूबर से सत्तारूढ़ दल और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के घरों के बाहर स्थाई मोर्चे लगाए जाएंगे। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तब तक ये धरने जारी रहेंगे।
Toll free : किसानों की मुख्य मांगें
1. धान की खरीद MSP पर हो: किसानों ने मांग की है कि धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर निर्विघ्न रूप से शुरू की जाए।
2. धान की गुणवत्ता और नमी प्रतिशत में छूट: उन्होंने यह भी मांग की कि धान की नमी सीमा को 22 फीसदी तक बढ़ाया जाए और दागी दानों जैसी अन्य शर्तों में भी ढील दी जाए।
3. कम कीमत पर बिकने वाली फसल की भरपाई: बीजी गई पी.आर-126 किस्म, जो पूसा 44 से कम उत्पादन देती है और MSP से कम मूल्य पर बिक रही है, उस नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जानी चाहिए।
4. मंडी मजदूरों की मांगें मानी जाएं: किसान नेताओं ने मंडी मजदूरों की मांगों को भी पूरा करने की अपील की है, ताकि मंडी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
आंदोलन के बढ़ते प्रभाव
किसानों के इस आंदोलन ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, क्योंकि टोल प्लाजा फ्री करने से सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो सकता है। साथ ही, नेताओं के घरों के बाहर स्थाई धरने सरकार के लिए राजनीतिक और सामाजिक चुनौती बन सकते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
अभी तक सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आंदोलन की बढ़ती गंभीरता को देखते हुए जल्द ही किसी कदम की उम्मीद की जा रही है। किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन और उग्र हो सकता है।