Best solar system for home: दिल्ली: बढ़ते बिजली के बिलों और बिजली कटौती की समस्याओं ने हर घर में ऊर्जा की आवश्यकता को और बढ़ा दिया है। क्या आप अपने घर की छत को ऊर्जा स्रोत में बदलने की सोच रहे हैं? सोलर सिस्टम का चयन न केवल बिजली खर्च में कमी लाता है, बल्कि ऊर्जा संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आजकल सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार की ओर से कई सब्सिडी और योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। घर पर सोलर पैनल लगाने के न केवल व्यक्तिगत फायदे का है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी लाभ होता है।
परंतु सोलर सिस्टम का चयन करना, उसके प्रकार, उसका खर्च और उसे लगाने की जानकारी जैसे कई सवालों के जवाब जानना जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं कि घर के लिए कौन सा सोलर सिस्टम बेस्ट रहेगा और किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Best solar system for home: घर के लिए कौन सा सोलर सिस्टम है बेस्ट?
सोलर सिस्टम चुनते वक्त सबसे पहले अपने बिजली के उपयोग और सोलर सिस्टम लगवाने के स्थान की जरूरतों का ध्यान रखें। अगर आप बिजली कटौती वाली जगह पर रहते हैं तो ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम बेस्ट रहेगा। अगर आपके इलाके में बिजली सुचारू रूप से आती है तो ऑन-ग्रिड या हाइब्रिड सोलर सिस्टम भी चुन सकते हैं। आइए जानते हैं, सोलर सिस्टम कौन-कौन से होते हैं:
1. ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम (Off-Grid Solar System)
ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमैटिक ऊर्जा उत्पादन और संग्रहण प्रणाली है, जो सौर ऊर्जा का उपयोग कर बिजली बनाता है। इसमें सोलर पैनल, बैटरी, चार्ज कंट्रोलर और इनवर्टर शामिल होते हैं। यह बिजली ग्रिड पर निर्भर नहीं होता है, इसलिए उन क्षेत्रों में उपयोग के लिए उपयुक्त है जहाँ बिजली कटौती एक बड़ी समस्या है।
2. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम (On-Grid Solar System)
ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम को ग्रिड-टाईड सोलर सिस्टम के रूप में भी जाना जाता है। यह सीधे बिजली ग्रिड से जुड़ा होता है और जब सोलर पैनल से उत्पादित बिजली की जरूरत नहीं होती, तो अतिरिक्त बिजली ग्रिड में भेज दी जाती है। इससे नेट मीटरिंग का लाभ मिलता है, जिससे बिजली बिलों में और कटौती होती है। लेकिन इसे लगवाने से पहले ये जानना बहुत आवश्यक है कि ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम लगवाने के लिए स्थानीय बिजली विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है।
3. हाइब्रिड सोलर सिस्टम (Hybrid Solar System)
हाइब्रिड सोलर सिस्टम में सोलर पैनल, एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और ग्रिड कनेक्शन का मिश्रण होता है। यह प्रणाली सौर ऊर्जा का उत्पादन कर इसे स्टोर करती है और जरूरत पड़ने पर ग्रिड से भी बिजली ले सकती है और इसके लिए भी बिजली विभाग से अनुमति लेनी होती है।
इन तीनों में से आप पानी जरूरत और स्थान के हिसाब से सही सोलर सिस्टम का चुनाव कर सकते हैं ।
Keep in mind these things before installing a solar system: सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन से पहले किन बातों का रखें ध्यान
सोलर सिस्टम लगवाने से पहले कुछ तकनीकी पहलुओं को जानना बहुत जरूरी होता है। ये पहलू हैं:
1. जगह का चुनाव: सबसे पहले छत पर धूप की उपलब्धता, छांव, छत की दिशा और खाली जगह का सही आकलन करना आवश्यक है। कोई भी सोलर सिस्टम लगवाने से पहले सही जगह का चुनाव करना बहुत ही आवश्यक होता है।
2. इलेक्ट्रिकल कंपैटिबिलिटी: आपके मौजूदा बिजली ढांचे के साथ सोलर सिस्टम की अनुकूलता, वोल्टेज की आवश्यकता, क्षमता और इनवर्टर की कार्यक्षमता पर ध्यान देना जरूरी होता है। आपको ये ध्यान रखना जरूरी है कि जो सोलर सिस्टम आप लगवा रहे हैं वो आपके वर्तमान बिजली कनेक्शन के साथ सही से कनेक्ट हो सकता है या नहीं।
3. खर्च: सिस्टम की लागत, सरकारी सब्सिडी और अनुमानित समय में लाभ की जानकारी भी जरूरी है। लंबे समय तक स्थिरता और निवेश पर अच्छा रिटर्न पाने के लिए गुणवत्ता और मेंटेनेंस पर भी ध्यान देना जरूरी है। आप जो सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं उस पर सरकार कितना अनुदान दे रही है और लॉन्ग टर्म में उस सिस्टम के फायदे आपके अनुरूप है या नहीं ।
How many kilowatts of the solar system is required for a home: घर के लिए कितने किलोवाट का सोलर सिस्टम जरूरी होता है?
घर के लिए सोलर सिस्टम की आवश्यक क्षमता का निर्धारण करने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रख सकते हैं:
1. अपने लोड को जानना: सबसे पहले घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की बिजली खपत को जोड़ें। जैसे TV, फ्रिज, पंखा, AC, और लाइट्स। आपको सही लोड का जानना सबसे जरूरी है।
2. बिजली कटौती: बिजली कटौती की सामान्य अवधि का आकलन करना भी जरूरी होता है, ताकि सही बैटरी क्षमता का चयन किया जा सके। दिन में लगने वाले बिजली कट की जानकारी जुटाएं।
3. इनवर्टर का चयन करना: बिजली की जरूरतों के अनुसार उचित क्षमता वाला इनवर्टर चुनें।
4. बैटरी प्रकार और क्षमता का चयन करें: अपने लोड के हिसाब से बैटरी की क्षमता और प्रकार चुनें।
5. सोलर पैनल का प्रकार और वोल्टेज चुनें: आपके क्षेत्र की धूप की स्थिति और आपकी जरूरतों के हिसाब से पैनल का चयन करें।
अब अपने अपनी आवश्यकता के अनुसार सोलर सिस्टम का चयन कर लिया हो तो उसे इंस्टॉल यानि लगवाने से पहले कुछ और बातों को जानना आपके लिए बेहतर हो सकता है।
सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन के लिए जरूरी कदम
1. साल भर का बिजली बिल का विश्लेषण करें।
2. बिजली बिल में स्वीकृत लोड की जांच करें।
3. सोलर सिस्टम लगवाने के लिए उचित जगह का चुनाव करें।
4. रूफटॉप सोलर लगवाने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट (उपयुक्तता जानकारी) प्राप्त करें।
5. अलग-अलग सोलर कंपनियों से कोटेशन प्राप्त करें ताकि आपको अधिकतम लाभ मिल सके।
6. सोलर सिस्टम की कैपेसिटी तय करें।
7. अगर जरूरत हो तो सोलर लोन या EMI का विकल्प चुनें।
8. सोलर इंस्टॉलर्स द्वारा पैनल स्थापित करवाएं।
9. नेट मीटर के लिए आवेदन करें।
10. राज्यों के हिसाब से उचित सोलर सब्सिडी के लिए आवेदन करें।
11. स्थानीय बिजली विभाग से अनुमति प्राप्त करें।
अब आपने सोलर सिस्टम लगवा ही लिया है तो उसके बेनिफिट्स के बारे में भी जान लीजिए।
सोलर सिस्टम के बेनिफिट्स मिलेंगे सालों-साल
घर में सोलर सिस्टम लगाने से 20 से 25 वर्षों तक बिजली बिलों में बचत होती है। यह न केवल किफायती बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होता है। सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है, जो हमारे पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है।
भारत में अनुकूल जलवायु और पर्यावरण को देखते हुए सोलर सिस्टम की मांग तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय के साथ यह हर घर की जरूरत बनेगा। बिजली की बढ़ती कीमतों और लगातार होने वाली बिजली कट को देखते हुए सोलर एनर्जी सबसे बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है। अगर आप भी बिजली बचत और ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति के लिए सही समाधान चाहते हैं, तो यह सोलर सिस्टम की ओर बढ़ने का एकदम सही समय है।
सरकार भी सोलर सिस्टम इंस्टॉल कराने पर सब्सिडी दे रही है। ऐसे में आप कम लागत में अच्छा सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं। बस ध्यान रहे कि सही कंपनी का सोलर सिस्टम आपको दीर्घकालीन लाभ देता रहेगा। सस्ते के चक्कर में अविश्वसनीय और अनसर्टिफाइड कंपनी का सोलर सिस्टम लगवाने से बचें।