Uchana Hot Seat : हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि उनके पुत्र और हिसार से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उचाना सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस घोषणा के बाद उचाना की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
दुष्यंत चौटाला और जेजेपी का भविष्य :
वर्तमान में उचाना सीट पर जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला विधायक हैं, जो पहले बीजेपी के साथ गठबंधन में उपमुख्यमंत्री थे। लेकिन मौजूदा स्थिति में बीजेपी और जेजेपी के बीच गठबंधन को लेकर असमंजस बना हुआ है। इसके अलावा अनूप धानक से लेकर देवेंद्र बबली समेत 5 विधायक भी JJP से इस्तीफा दे चुके है। इस विधानसभा चुनाव जेजेपी की राह आसान नहीं होगी । अब सवाल यह उठता है कि बीजेपी उचाना सीट से किसे टिकट देगी और क्या जेजेपी के लिए यह सीट सुरक्षित रहेगी या नहीं।
लोकसभा चुनाव का प्रभाव :
इससे पहले वीरेंद्र सिंह ने अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को 2024 हिसार लोकसभा में टिकट दिलाने की कोशिश की थी। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया, जिन्होंने जीत दर्ज की। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान उचाना से बृजेंद्र सिंह को टिकट देता है या नहीं।
भूपेंद्र हुड्डा की भूमिका अहम :
उचाना सीट पर कांग्रेस की टिकट बृजेंद्र सिंह को मिलने में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। हरियाणा में हुड्डा का कांग्रेस में प्रभाव काफी बड़ा है और उनकी सहमति के बिना टिकट का बंटवारा मुश्किल हो सकता है।
उचाना में राजनीतिक समीकरण और संभावनाएं :
उचाना विधानसभा सीट हरियाणा की महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। यहां पर जेजेपी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। बीजेपी के लिए नए उम्मीदवार की तलाश भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
उचाना सीट पर इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। कांग्रेस में बृजेंद्र सिंह की उम्मीदवारी और जेजेपी-बीजेपी के बीच समीकरण तय करेंगे कि इस बार किसका पलड़ा भारी रहेगा। वीरेंद्र सिंह की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि उचाना में मजबूत दावेदारी पेश करने जा रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान के हाथों में है।