Congress reply to election commission: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में चुनाव आयोग (ECI) को एक विस्तृत जवाब भेजा है, जिसमें उसने आयोग द्वारा की गई टिप्पणियों और उनके द्वारा दिए गए उत्तर पर अपनी असहमति व्यक्त की है। यह प्रतिक्रिया कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल द्वारा 9 अक्टूबर 2024 को उठाए गए मुद्दों के बाद आई है, जिसमें चुनाव प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न कई गंभीर चिंताओं का जिक्र किया गया था।
Congress reply to election commission: चुनाव आयोग को जवाब देना कोई विशेष नहीं बल्कि कर्तव्य?
कांग्रेस ने अपने जवाब में चुनाव आयोग की टिप्पणी को लेकर असंतोष व्यक्त किया है, जिसमें आयोग ने कहा था कि यह एक विशेष अवसर था जब उसने कांग्रेस के साथ संवाद किया। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग का यह दृष्टिकोण संवैधानिक संस्था के रूप में उसके कर्तव्यों को निभाने में एक गलतफहमी को दर्शाता है। कांग्रेस का स्पष्ट कहना है कि एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उन्हें सुनना या उनके मुद्दों पर विचार करना कोई विशेष या विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि यह आयोग का कर्तव्य है।
Congress reply to election commission: आयोग के जवाब में आक्रामकता का आरोप
कांग्रेस ने आयोग के जवाब की भाषा को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की है। पार्टी का कहना है कि आयोग की प्रतिक्रियाएं व्यक्तिगत हमलों और अपमानजनक टिप्पणियों से भरी होती हैं, जबकि कांग्रेस अपने पत्रों में मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है और चुनाव आयोग के अधिकारियों के प्रति सम्मान प्रकट करती है। कांग्रेस का आरोप है कि आयोग की वर्तमान टोन ने उसकी निष्पक्षता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, और यदि यह स्थिति जारी रहती है, तो कांग्रेस को कानूनी उपायों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
Congress reply to election commission: शिकायतों का निपटारा न करना
कांग्रेस ने यह भी कहा है कि चुनाव आयोग ने उनकी शिकायतों को हल करने में अव्यवस्था दिखाई है। उन्होंने कहा कि अधिकतर मुद्दे उस समय के दौरान उत्पन्न होते हैं जब आचार संहिता लागू होती है और ये समस्याएं अक्सर चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही स्पष्ट होती हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अगर आयोग इन मुद्दों का त्वरित समाधान नहीं करता है, तो वे चुनावी याचिकाओं के माध्यम से हल करने में कई साल लगाते हैं।
Congress reply to election commission: कांग्रेस की ईमानदारी पर सवाल
कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया है कि यदि वह चुनाव आयोग के साथ विश्वासघात करती, तो वह उससे संवाद करने का प्रयास नहीं करती। उन्होंने कहा कि वे गंभीरता से अपने मुद्दों को प्रस्तुत करते हैं और कानूनी आधार पर अपने तर्कों को मजबूती से रखते हैं। कांग्रेस ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ सौ से अधिक शिकायतों पर आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
तकनीकी समस्याओं पर आयोग का जवाब
आखिर में, कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा मशीनों की बैटरी की समस्याओं के संबंध में दिए गए उत्तर को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि आयोग का जवाब केवल सामान्य जानकारी पर आधारित था, जबकि कांग्रेस ने अपने शिकायतों में स्पष्टता की मांग की थी। पार्टी का कहना है कि आयोग का यह रवैया उनकी शिकायतों को खारिज करने की कोशिश कर रहा है, जिससे यह प्रतीत होता है कि आयोग उनकी चिंताओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
कांग्रेस का यह जवाब न केवल हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में अपनी चिंताओं को व्यक्त करता है, बल्कि यह चुनाव आयोग के कार्यों और प्रतिक्रियाओं पर सवाल उठाने का प्रयास भी है। कांग्रेस की इस स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि आगामी महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में आयोग के प्रति उनकी दृष्टिकोण और भी कठोर हो सकती है
कांग्रेस की इस प्रतिक्रिया ने हरियाणा चुनावों में चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर एक नई बहस शुरू कर दी है।