Saheed Kuldeep Malik : सोमवार दोपहर को कश्मीर में सीआरपीएफ दल पर आंतकी हमले से कई जवान शहीद हुए और कुछ जख्मी हुए है। इसी बीच हरियाणा के जींद जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ जवान जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के डुडू बसंतगढ़ इलाके में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। देर शाम उनके शहीद होने की जानकारी मिलने के बाद गांव में मातम छा गया। जानकारी मिलते ही उनके घर पर गांव के लोगों का आना आरंभ हो गया। 54 साल के शहीद कुलदीप मलिक जल्द ही डीएसपी के पद पर पदोन्नत होने वाले थे।
दोपहर 3 बजे हुआ आतंकी हमला
पाठकों को बता दें कि, कल दोपहर के बाद यानी आंडीवार के समय तीन बजे के बाद आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एसओजी के संयुक्त दल पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक शहीद हो गए।
देश के लिए आतंक से लोहा लेते हुए 44 दिन के भीतर हरियाणा और जींद की माटी के दूसरे लाल ने वीरगति पाई है। इससे पहले सात जुलाई को जाजनवाला के लांस नायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हुए थे। अब ऊधमपुर में सोमवार को निडानी का लाल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक शहीद हुए हैं। कुलदीप मलिक को एक माह बाद डीएसपी के तौर पर पदोन्नति होनी थी।
शहीद कुलदीप परिवार के बारे में
शहीद कुलदीप मलिक का परिवार हाल ही अपने बेटों के साथ दिल्ली में रहता है। उनके दो बेटे संजय और नवीन हैं, जिसमें संजय रेलवे पुलिस दिल्ली में तैनात हैं। वहीं नवीन अपने शहीद पिता की तरह सेना में हैं। शहीद कुलदीप मलिक के चचेरे भाई पूर्व जिला परिषद सदस्य अमित निडानी ने बताया कि, हाल ही परिवार के लोगों को इसकी सूचना नहीं मिली है। उनको इसकी सूचना मिल चुकी है। वह अभी सीआरपीएफ उधमपुर में संपर्क का प्रयास कर रहे हैं। संपर्क नहीं हो पाया है।
आतंकवादियों को मिली रही है आम सहायता
पाठकों बता दें कि, इस हमले से पहले सात अगस्त को भी उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जबकि, आतंकी खराब मौसम और धुंध का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे थे। अनुमानित है कि, उधमपुर के बसंतपुर के ऊपर जंगल में आतंकियों के कुछ ग्रुप यहां बीते कुछ माह से छिपे हुए हैं। लोग संदिग्ध देखे जाने की लगातार जानकारी दे रहे हैं। इतने समय तक बिना गाइड व सहायकगारों के छिपना संभव नहीं है।
सूत्रों की माने तो इन आतंकियों को किसी आम नागरिक के यहां शरण मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों व पहाड़ों पर हैं। इनको धमकाकर आतंकी खाने का इंतजाम कर लेते हैं। सुरक्षाबलों को अप्रैल से इस क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी है।
आज दोपहर के बाद होगा राजकीय सम्मान के साथ अंत्तिम संस्कार
शहीद कुलदीप मलिक का पार्थिव शरीर आज दोपहर बाद गांव पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद उनका गांव में ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।