Cyber fraud : साइबर फ्रॉड से कैसे बचें, कौन होता है सॉफ्ट टारगेट, साइबर एक्सपर्ट ASI अमित खर्ब ने बताए बचाव के तरीके

Sonia kundu
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Cyber fraud se kaise bachen : जींद : इंटरनेट मीडिया के वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब आज साइबर ठगों का सबसे बड़ा अड्डा बने हुए हैं। इन प्लेटफार्म के माध्यम से महिलाएं और बुजुर्ग साइबर ठगों के जाल में जल्दी फंस रहे हैं और अनजान लिंक पर क्लिक कर, जाने-अनजाने में ओटीपी शेयर कर अपनी मेहनत की जमा पूंजी गंवा रहे हैं।

 

पिछले दो साल में साइबर थाना (cyber thana) में कुल 153 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 30 के करीब बुजुर्ग और 23 महिलाएं साइबर ठगी का शिकार हुई हैं। इनमें भी ज्यादातर अनजान लिंक पर क्लिक कर के ठगे जा रहे हैं। घर बैठे आनलाइन काम के झांसे में महिलाएं ज्यादा आ जाती हैं।

साइबर ठगों का साफ्ट टारगेट महिला और बुजुर्ग, सेवानिवृत कर्मचारी होते हैं, क्याेंकि ठग इन्हें बातों में जल्दी फंसा लेते हैं। घर बैठे काम देने के आफर पर महिलाएं जल्दी बातों में आ जाती हैं। दो माह पहले जींद की ईशु नामक महिला 48 लाख रुपये गंवा बैठी। ईशु पहले लोन का काम करती थी लेकिन बाद में काम छोड़कर घर पर रहने लगी।

 

इसी दौरान उसके मोबाइल फोन पर टेलीग्राम पर मैसेज आया और फ्लैक्स स्ट्रीम आनलाइन काम करके रुपये कमाने का आफर दिया गया। वह उनकी बातों में आ गई और उसकी आइडी बनवा दी गई। शुरूआत में ईशु से 10 हजार रुपये जमा करवाए गए। इसके बाद टारगेट देते रहे और रुपये जमा करवाते रहे। ईशु की आइडी पर बने वालेट में राशि दिखती रही लेकिन वह रुपये नहीं निकल पाए।

साइबर ठगों ने ईशु के साथ 48 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर डाली। इसी तरह 14 नवंबर को मोहम्मद खेड़ा निवासी सीमा के पास फोन काल आई और काल करने वाले ने खुद को गिटोस इंडिया कंपनी का कर्मी बताया।

 

फिर एक युवती की वाट्सएप काल आई और उसे आनलाइन कमाई का अाफर दिया गया। इसमें गूगल में होटल की रेटिंग देकर अच्छी कमाई का लालच दिया तो वह बातों में आ गई। उसकी भी टेलीग्राम पर आईडी बनाई और उससे अलग-अलग तारीख में रुपये जमा करवा 11 लाख 48 हजार 52 रुपये ठग लिए।

Cyber fraud se kaise bachen : इंटरनेट मीडिया पर निजी जानकारी शेयर करना भी पड़ रहा भारी

इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर ज्यादा समय बिताने वाले लोग लुभावने विज्ञापन देख कर इन पर क्लिक कर देते हैं और इस पर अपनी निजी जानकारी तक भर देते हैं। निजी जानकारी हासिल करने के बाद साइबर ठग उन्हें व्यक्तिगत मैसेज करते हैं तथा वाट्सएप पर लिंक भेज देते हैं।

इस पर क्लिक करते ही मोबाइल स्क्रीन हैक हो जाती है और उपभोक्ता को पता भी नहीं चल पाता। इससे साइबर ठगों के पास उपभोक्ता के मोबाइल की सारी डिटेल चली जाती है और वह आसानी से ओटीपी देखकर फ्राड कर डालते हैं।

Cyber crime se kaise bachen : इन तरीकों को अपना बच सकते हैं साइबर ठगी से

एएसआई और साइबर विशेषज्ञ अमित खर्ब ने कहा कि साइबर ठगी से बचना है इंटरनेट मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक और एटीएम संबंधी निजी जानकारी न भरें। साइबर फ्राड होने की सूरत में तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं और साथ ही साइबर पोर्टल पर अपनी शिकायत पंजीकृत करवाएं।

Cyber expert asi amit kharb tell about cyber crime, cyber fraud
Cyber expert asi amit kharb tell about cyber crime, cyber fraud

एएसआई अमित खर्ब (asi amit kharb cyber expert) ने कहा कि आजकल घर बैठे काम का लालच देकर साइबर ठग ज्यादा कमाई का लालच देते हैं, ऐसे लोगाें के झांसे में आकर लालच में न पड़ें। वाट्सएप पर अनजान नंबर से आए लिंक को क्लिक न करें। ठग सरकारी योजनाओं के लिंक बनाकर भेजते हैं, इन पर क्लिक न करें। किसी भी सरकारी योजना की जानकारी लेनी है तो विभाग की आफिशियल वेबसाइट पर ही विजिट करें। स्क्रीन शेयरिंग एप इंस्टाल न करें।

(Cyber expert asi amit kharb) साइबर अपराध से बचने के लिए इन बातों का भी रखें ध्यान

-वाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टा पर अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
-मोबाइल फोन पर किसी को भी अपनी बैंक संबंधी जानकारी या ओटीपी न दें।
-फेसबुक, वाट्सएप या दूसरे प्लेटफार्म पर कोई परिचित बनकर रुपये मांगे तो पहले उसके व्यक्तिगत नंबर पर काल कर पूरी जानकारी लें।

-इंटरनेट मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें। अनजान से वीडियो काल न करें।
-ई-कामर्स कंपनियों के टोल फ्री नंबर, कस्टमर केयर अधिकारी के नंबर सीधे गूगल पर सर्च करने से बचें, इनकी आधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर लें।
-किसी भी अज्ञात श्रोत से प्राप्त लिंक या क्यूआर कोड स्कैन न करें।

-गूगल डाक्यूमेंट जैसे आनलाइन फार्म पर अपनी गोपनीय बैंकिंग जानकारी न भरें।
-किसी वेबसाइट के माध्यम से खरीदारी करते समय अग्रिम भुगतान न करें।
-फोन काल पर अपनी ई-मेल आईडी, सिम कार्ड के पीछे के 20 अंक शेयर न करें, यह गोपनीय जानकारी होती है।
-अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम अकाउंट पर दो स्टैप सत्यापन आन रखें।

-सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल फोन चार्ज लगाने से पहले इसे स्विच आफ कर लें।
-लाटरी, पुरस्कार जीतने वाले काल, मैसेज, ई-मेल का जवाब देने से बचें।
-हमेशा विश्वसनीय एप एंड्राएड, गूगल प्ले स्टोर, एप्पल डिवाइस से ही एप्लिकेशन डाउनलोड करें तथा डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू देखें।

महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान

साइबर विशेषज्ञ एएसआइ अमित खर्ब ने बताया कि महिलाएं इंटरनेट के किसी भी प्लेटफार्म पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी व्यर्थ में सांझा न करें। सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी न भरें। फेसबुक या मैसेंजर पर अनजान लिंक को क्लिक न करें। अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। केवल आनलाइन बात कर के किसी से मिलने नहीं जाएं और अगर मिलना है तो सार्वजनिक स्थान पर मिलें।

 

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