Delhi WhatsApp traffic fines: नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ट्रैफिक चालान भुगतान को सरल बनाने के लिए एक नई व्यवस्था लेकर आ रही है। अब वाहन मालिक सीधे व्हाट्सएप के माध्यम से चालान का भुगतान कर सकेंगे, जिससे चालान भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन शॉपिंग के समान सरल हो जाएगी।
Delhi WhatsApp traffic fines: वॉट्सऐप के जरिए मिलेगा चालान का विवरण
इस नई प्रणाली के तहत, उल्लंघनकर्ताओं को व्हाट्सएप पर चालान का विवरण और जुर्माने की राशि का मैसेज भेजा जाएगा। मैसेज में दिए गए भुगतान विकल्प पर क्लिक करने से उपयोगकर्ता सीधे भुगतान गेटवे पर पहुंच जाएंगे, जहां भीम UPI समेत विभिन्न भुगतान विकल्पों के माध्यम से चालान का भुगतान कर सकेंगे।
Delhi WhatsApp traffic fines: टेंडर प्रक्रिया और नई सुविधाएं
दिल्ली सरकार ने चालान के स्मार्ट भुगतान के लिए सेवा प्रदाता के चयन के लिए टेंडर जारी किया है। यह टेंडर 30 अक्टूबर तक भरा जा सकेगा और ऑनलाइन प्री-बिड बैठक 1 नवंबर को होगी। इस प्रणाली में हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में संदेश भेजे जाएंगे और इनमें तस्वीर, पीडीएफ और वीडियो जैसे विभिन्न मीडिया प्रारूपों में जानकारी शामिल होगी।
UPI payment for traffic fines: यूपीआई ऐप का होगा उपयोग
Delhi WhatsApp traffic fines:नई सुविधा में गूगल पे, फोनपे आदि यूपीआई ऐप को जोड़ा जाएगा, जिससे चालान का भुगतान और अधिक सहज हो जाएगा। चालान का भुगतान करते ही उपयोगकर्ता को प्रत्येक नए चालान पर पुश नोटिफिकेशन मिलेगा। प्रारंभ में यह सुविधा केवल परिवहन से संबंधित चालानों पर लागू होगी, जिससे लोगों को चालान की याददिहानी होती रहेगी।
मौजूदा प्रणाली में समस्या
वर्तमान में, चालान भुगतान के लिए सरकार की परिवहन ई-चालान वेबसाइट का उपयोग किया जाता है, लेकिन कई वाहन मालिकों को चालान का एसएमएस नोटिफिकेशन हफ्तों बाद मिलता है। नई प्रणाली लागू होने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
रोजाना 1000-1500 चालान जारी
Delhi WhatsApp traffic fines:दिल्ली में 82 लाख से अधिक वाहन हैं, और प्रतिदिन करीब 1,000-1,500 ई-चालान जारी किए जाते हैं। दिल्ली सरकार के एआई-आधारित ट्रैफिक उल्लंघन बुकिंग सिस्टम के शुरू होने के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है। अगर किसी उपयोगकर्ता का व्हाट्सएप पंजीकृत नहीं है, तो चालान एसएमएस और पंजीकृत ईमेल के माध्यम से भेजा जाएगा।
इस नई पहल के माध्यम से दिल्ली सरकार ने न केवल चालान भुगतान को आसान बनाया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि वाहन मालिकों को समय पर जानकारी मिले, जिससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की संभावना कम हो सके।