Kon si tablet banned : नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 156 कॉम्बिनेशन दवाओं (FDCs) पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें कई प्रमुख एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक दवाएं और मल्टीविटामिन्स शामिल हैं।
सरकार का मानना है कि ये दवाएं मानव जीवन के लिए हानिकारक हो सकती हैं और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से उपलब्ध हैं। यह निर्णय ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 26A के तहत लिया गया है, जिसके तहत इन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर रोक लगाई गई है।
क्या हैं कॉकटेल (Ban Tablet) दवाएं?
ये cocktail drugs वे होती हैं जिनमें दो या दो से अधिक सक्रिय फार्मास्युटिकल कंपोनेंट एक निश्चित अनुपात में मिलाए जाते हैं। इन्हें FDC (Fixed Dose Combinations) के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कई दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं। सरकार ने औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड Drug Technical Advisory Board (DTAB) और विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया है।
Which major medicines were banned?
किन प्रमुख दवाओं पर लगा प्रतिबंध?
किन प्रमुख दवाओं पर लगा प्रतिबंध?
सरकार ने जिन प्रमुख दवाओं पर रोक लगाई है, उनमें Aceclofenac 50mg + Paracetamol 125mg टैबलेट, Mefenamic Acid Paracetamol Injection, Cetirizine HCl Paracetamol Phenylephrine HCl, Levocetirizine Phenylephrine HCl Paracetamol जैसी दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं बड़े पैमाने पर दर्द निवारक और सर्दी-खांसी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती थीं। इसके अलावा, Paracetamol, Tramadol, Taurine और Caffeine के कॉम्बिनेशन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। Tramadol एक opioid-based painkillers ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक है, जो गंभीर साइड इफेक्ट्स के कारण विवादों में रहा है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
सरकार का कहना है कि इन दवाओं का उपयोग मानव जीवन के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है, जबकि इनके सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने इन्हें अनुचित” और हानिकारक ( unfair and harmful) माना है। इसी कारण सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए इन दवाओं पर रोक लगाना आवश्यक समझा गया।
जून 2023 में भी सरकार ने 14 अन्य Fixed-dose combinations ( FDCs )पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे पहले से ही यह संकेत मिल रहे थे कि सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है।
दवा कंपनियों ने पहले ही बंद कर दिया था उत्पादन
सूत्रों के अनुसार, कुछ दवा कंपनियों ने इन दवाओं का निर्माण पहले ही बंद कर दिया था, क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि सरकार इस दिशा में सख्त कदम उठा सकती है। हालांकि, कुछ कंपनियां अब तक इन दवाओं का उत्पादन कर रही थीं, लेकिन अब उन्हें भी इन्हें पूरी तरह बंद करना होगा।
pharmaceutical industry experts suggestion on ban medicines : विशेषज्ञों की राय
दवा उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह निर्णय उपभोक्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके साथ ही, यह कदम भारत में दवा क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इस कदम से छोटे और मंझोले स्तर के दवा निर्माता प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन जनहित में इसे आवश्यक माना जा रहा है।
Cetirizine और Tramadol से लेकर कॉकटेल दवाइयों, पेनकिलर्स समेत 156 तरह की दवाइयां बैन
केंद्र सरकार द्वारा 156 दवाओं पर लगाए गए इस प्रतिबंध से चिकित्सा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह निर्णय आम लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। उम्मीद है कि इससे बाजार में केवल सुरक्षित और प्रभावी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे जनता को फायदा मिलेगा।