Haryana Collector Rate Change : 1 दिसंबर से कलेक्टर रेट में बड़ा बदलाव: हरियाणा में इन जिलों में जमीन खरीदने वालों को चुकानी होगी इतनी ज्यादा कीमत

Anita Khatkar
3 Min Read

Haryana Collector Rate Change : सोनीपत: हरियाणा में 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू किए जाएंगे, जो जमीनों की रजिस्ट्री प्रक्रिया और कीमतों को प्रभावित करेंगे। मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाले राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर सभी मंडलों के कमिश्नर और उपायुक्तों को नई दरों के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

क्या हैं कलेक्टर रेट?

कलेक्टर रेट (सर्किल रेट) वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर जमीनों और संपत्तियों की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री की जाती है। यह दरें सरकार द्वारा तय की जाती हैं और इनका उद्देश्य रियल एस्टेट लेन-देन को नियमित करना और राजस्व बढ़ाना होता है।

मुख्य बातें:

1. 15-20% वृद्धि का अनुमान:
नए कलेक्टर रेट लागू होने से जमीनों की रजिस्ट्री की कीमतें 15-20% तक बढ़ने की संभावना है।

2. मार्केट वैल्यू का आकलन:
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में दिए गए निर्देशों के अनुसार, कलेक्टर रेट बढ़ाने से पहले जिलों में मार्केट वैल्यू का सर्वेक्षण किया गया।

3. एनसीआर जिलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी:
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़ जैसे एनसीआर क्षेत्र के जिलों में 20% तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया था।

अब तक देरी के कारण

कलेक्टर रेट सामान्यतः हर साल अप्रैल में रिवाइज किए जाते हैं। इस साल लोकसभा चुनावों के कारण आचार संहिता लागू होने से प्रक्रिया टालनी पड़ी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चुनावों के मद्देनजर वृद्धि पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इसे लागू किया जा रहा है।

 

नए कलेक्टर रेट के प्रभाव

1. राज्य का राजस्व बढ़ेगा:
नई दरों से राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जो इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाओं में उपयोग होगा।

2. आम जनता पर बोझ:
रजिस्ट्री और संपत्ति खरीदारी के लिए लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

Haryana Collector Rate Change : 1 दिसंबर से कलेक्टर रेट में बड़ा बदलाव: हरियाणा में इन जिलों में जमीन खरीदने वालों को चुकानी होगी इतनी ज्यादा कीमत
Haryana Collector Rate Change : 1 दिसंबर से कलेक्टर रेट में बड़ा बदलाव: हरियाणा में इन जिलों में जमीन खरीदने वालों को चुकानी होगी इतनी ज्यादा कीमत

चुनाव के बाद लिया फैसला

चुनावों के दौरान कलेक्टर रेट वृद्धि रोक दी गई थी ताकि जनता पर वित्तीय दबाव न पड़े। अब चुनाव समाप्त होने के बाद, इस फैसले को लागू किया गया है।

हरियाणा सरकार का यह कदम प्रदेश की वित्तीय स्थिति मजबूत करेगा, लेकिन आम लोगों के लिए यह आर्थिक चुनौती बन सकता है।

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