Haryana DAP Crisis: हरियाणा में डीएपी खाद संकट गहराया, कहीं लंबी लाइनें तो कहीं पुलिस सुरक्षा में हो रहा वितरण

Anita Khatkar
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Haryana DAP Crisis: हरियाणा के किसान रबी की फसल के लिए बेहद जरूरी डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की कमी का सामना कर रहे हैं, जिससे बुवाई के इस मौसम में उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। डीएपी की भारी मांग और सीमित उपलब्धता के कारण राज्य के कई जिलों में खाद वितरण केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। किसानों की इस परेशानी को देखते हुए कई स्थानों पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया है।

Haryana DAP Crisis: पुलिस तैनाती और विरोध प्रदर्शन

हरियाणा में इस साल खाद की कमी का असर उचाना मंडी, तोशाम, भिवानी, जुलना,सिरसा समेत लगभग हर क्षेत्र में सबसे देखने को मिला है। किसानों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के कारण कई स्थानों पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। किसानों के DAP न मिलने के विरोध में कुछ स्थानों पर तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न हो गईं। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने भी आरोप लगाया है कि उचाना मंडी में डीएपी लेने आए किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिससे किसानों के बीच आक्रोश फैल गया है।

Haryana DAP Crisis: सरकार का आश्वासन और डीएपी की आपूर्ति का दावा

वहीं, हरियाणा सरकार ने इस संकट के बारे में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि राज्य में यूरिया और DAP का पर्याप्त भंडार है। सरकार के अनुसार, 27 अक्टूबर तक राज्य में 4,22,958 मीट्रिक टन यूरिया और 27,357 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया कि अक्टूबर के लिए केंद्र से 1,15,150 मीट्रिक टन डीएपी का आवंटन हुआ था, जिसमें से 68,929 मीट्रिक टन DAP राज्य में पहुँच चुका है। हालांकि, कई किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि जो मात्रा राज्य को आवंटित की गई थी, वह वितरण केंद्रों तक नहीं पहुंच पाई है, जिससे किसान उर्वरक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

Haryana DAP Crisis: किसान आंदोलन और स्थानीय विधायकों का हस्तक्षेप

चरखी दादरी के बाढ़ड़ा कस्बे में किसानों ने डीएपी की कमी के चलते नाराज होकर नेशनल हाईवे-334 को जाम करने का प्रयास किया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस और स्थानीय विधायक उमेद सिंह ने हस्तक्षेप किया। किसानों को अवकाश के दिन भी खाद वितरण का आश्वासन देकर शांत किया गया और विधायक के निर्देश पर खाद का वितरण पुलिस की मौजूदगी में शुरू किया गया।

विधायक उमेद सिंह ने कहा कि किसानों की समस्या उनकी अपनी समस्या है और वे जल्द ही और डीएपी मंगवाने का प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने बिजली ट्यूबवैल कनेक्शन के लंबित मामलों को भी शीघ्र हल कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर 10 दिन के भीतर बिजली कनेक्शन की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे भी किसानों के साथ धरने पर बैठने के लिए तैयार हैं।

Haryana DAP Crisis: Punjab DAP Crisis: डीएपी की कमी का राष्ट्रीय प्रभाव और पंजाब की प्रतिक्रिया

हरियाणा के अलावा पंजाब में भी डीएपी की कमी का प्रभाव दिखने लगा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है और 15 नवंबर तक पंजाब को आवंटित डीएपी की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब देश के खाद्य भंडार में लगभग 50% योगदान करता है, ऐसे में राज्य में उर्वरक की कमी से कृषि उत्पादन पर गहरा असर पड़ सकता है।

पंजाब सरकार ने कहा कि डीएपी की 70% आपूर्ति विदेशों से आयात की जाती है, इसलिए यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतरराष्ट्रीय कारणों से इसकी कमी हो रही है। इस स्थिति में पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्यों में किसानों के लिए समस्याएँ और बढ़ती जा रही हैं।

Haryana DAP Crisis: हरियाणा में डीएपी खाद संकट गहराया, कहीं लंबी लाइनें तो कहीं पुलिस सुरक्षा में हो रहा वितरण
Haryana DAP Crisis: हरियाणा में डीएपी खाद संकट गहराया, कहीं लंबी लाइनें तो कहीं पुलिस सुरक्षा में हो रहा वितरण

हरियाणा में फसलों पर संकट के गंभीर असर की आशंका

हरियाणा में सरसों, गेहूं और आलू जैसी फसलों की बुवाई के समय में डीएपी की कमी से फसल उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। किसान संगठनों का कहना है कि एक एकड़ में सरसों और गेहूं के लिए लगभग 50 किलो और आलू के लिए तीन बोरी डीएपी की आवश्यकता होती है। डीएपी की आपूर्ति न होने के कारण कई जिलों में किसान परेशान हैं, जिससे उनके उत्पादन और आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक राजबीर सिंह ने इस कमी को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि हिसार जिले में 25,000 मीट्रिक टन डीएपी की मांग के मुकाबले केवल 8,000 मीट्रिक टन की आपूर्ति हो पाई है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में डीएपी की स्थिति में सुधार हो सकता है।

High court on DAP Crisis: डीएपी संकट पर हाईकोर्ट का संज्ञान

डीएपी की कमी के कारण गेहूं की फसल के अंकुरण और विकास में होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। एडवोकेट फतेह सिंह ढिल्लों द्वारा दायर याचिका में बताया गया कि पंजाब में अक्टूबर के अंत से नवंबर तक रबी की फसल की बुवाई होती है और डीएपी की कमी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। याचिकाकर्ता ने डीएपी की कमी से राज्य की आर्थिक स्थिति और किसानों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ने की आशंका जताई है।

कृषि संकट का दीर्घकालिक समाधान तलाशने की मांग

हरियाणा और पंजाब में किसानों के लिए डीएपी की कमी एक गंभीर मुद्दा है, जिससे उनकी आजीविका और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की कमी भविष्य में भी बनी रह सकती है, अगर केंद्र सरकार उर्वरकों की आपूर्ति और वितरण को और अधिक सुदृढ़ नहीं करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, उर्वरकों की कमी का समाधान केवल अस्थायी उपायों से नहीं, बल्कि दीर्घकालिक नीतियों और योजनाओं से संभव है।

हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों के किसानों ने इस समस्या को लेकर केंद्र सरकार से समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही इस संकट का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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