Haryana news: हरियाणा में अब वेटनरी सर्जन और VLDA (वेटरिनरी लाइवस्टॉक डेवलपमेंट असिस्टेंट) को प्रत्येक सप्ताह गोशालाओं में जाकर गोवंश की जांच करनी होगी। पहले से ही जांच के आदेश थे, लेकिन कई अधिकारी नियमित जांच में कोताही बरत रहे थे, जिसके चलते गोशालाओं में गोवंश के बीमार होने की कई शिकायतें सामने आ रही थीं। इस पर संज्ञान लेते हुए पशुपालन विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसके अनुसार प्रत्येक बुधवार को वेटनरी सर्जन और प्रत्येक वीरवार को वीएलडीए अपने क्षेत्र की गोशालाओं में जाकर निरीक्षण करेंगे और जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे।
कैसे होगी जांच?
बुधवार: 3000 से अधिक गोवंश वाली गोशालाओं में वेटनरी सर्जन जाएंगे और जांच करेंगे।
वीरवार: 3000 से कम गोवंश वाली गोशालाओं की जांच वीएलडीए करेंगे।
राज्य में कुल 659 पंजीकृत गोशालाएं हैं, जिनमें लगभग साढ़े पांच लाख गोवंश हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार, करीब 900 वेटनरी सर्जन और 2900 वीएलडीए राज्यभर में कार्यरत हैं। हालांकि, इन पदों में से लगभग 10% अभी भी खाली हैं।
पशु क्रूरता अधिनियम का पालन सुनिश्चित
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग ने राज्य के सभी जिलों के उप निदेशकों को यह निर्देश दिया है कि वे पशु क्रूरता अधिनियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, सभी डिप्टी डायरेक्टर्स को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों में मोबाइल वेटनरी वैन को ऑन-कॉल तैयार रखें और सप्ताह में एक दिन इन्हें गोशालाओं में भेजें।
पिछली घटनाओं से सबक
हाल ही में भिवानी की नंदीशाला में 200 से अधिक गोवंश कीचड़ में फंसे हुए पाए गए, जिसके कारण उनके पैरों में चोटें हो गईं। साथ ही, कुछ अन्य गोशालाओं में भी विभिन्न बीमारियों की शिकायतें सामने आईं, जिन्हें समय रहते न रोके जाने से अन्य गोवंश प्रभावित हुए। इन घटनाओं को देखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि गोशालाओं में नियमित जांच होगी ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।