Haryana Roadways : अंतरराज्यीय, अंतर जिला में दस दिन से ज्यादा रात्रि ठहराव करने वाले रोडवेज बस के चालक व परिचालक को अब रात्रि भत्ते के लिए मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी। अगर कोई चालक व परिचालक 15 दिन से अधिक दूसरे स्टेशन पर ठहराव करता है तो उसको रात्रि भत्ते के लिए परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी, लेकिन दस दिन तक के रात्रि भत्ते को पास करने की अनुमति रोडवेज महाप्रबंधक होगी।
रोडवेज विभाग के इन आदेशों पर रोडवेज कर्मचारियों ने रोष जताया है और कहा कि इस तरह के आदेश चालक व परिचालकों के लिए परेशानी देंगे और उनको अपने रात्रि भत्ते के लिए मुख्यालय के चक्कर काटने होंगे। रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि उनका डेढ़ साल का पहले ही रात्रि भत्ता जारी नहीं किया गया हैं। मुख्यालय से जारी पत्र में आदेश दिए गए हैं कि दस से ज्यादा नाइट स्टे करने वाले चालक व परिचालकों को मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी। जिन चालक व परिचालक द्वारा महीने में दस रात्रि ठहराव किए गए हैं, उनके रात्रि ठहराव संबंधित टीए बिल का महाप्रबंधक द्वारा निपटान किया जाएगा।
वहीं जिन चालक व परिचालकों द्वारा माह में 11 से 15 दिनों तक रात्रि ठहराव किए गए हैं, उनको निदेशक से स्वीकृति लेनी होगी। इसके अतिरिक्त जिन चालक व परिचालकों द्वारा महीने में 15 दिनों से अधिक रात्रि ठहराव किए गए हैं, उनको परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से स्वीकृति लेनी पड़ेगी। मुख्यालय ने रोडवेज महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर रोडवेज कर्मचारियों के टीए बिल से संबंधित पूरा रिकार्ड मांगा हैं।

जींद रोडवेज डिपो की 168 बसों में से प्रतिदिन 40 से अधिक बसें का अंतरराज्यीय, अंतर जिला व गांवाें में नाइट स्टे करती हैं। जींद डिपो की बस जयपुर, लुधियाना, गंगानगर, सालासर, नारनौल, अमृतसर, हरिद्वार, ऋषिकेश, भिवानी, रोहतक, कैथल, गोहाना, दिल्ली, हिसार, हांसी के साथ-साथ खुंगा, गोहिया मांडी, डाहौला, जुलाना, अलेवा, शामलो, रामकली, ढिगाना जैसे रूट पर नाइट स्टे करती हैं।
पहले डेढ़ साल का रात्रि भत्ता किया जारी
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य उपप्रधान संदीप रंगा ने कहा कि दस से अधिक नाइट स्टे करने वाले चालक व परिचालकों को मुख्यालय से अनुमति लेने के आदेशों से कर्मचारियों में रोष हैं। पहले ही कर्मचारियों का पिछले डेढ़ साल का रात्रि भत्ता बकाया हैं। इसलिए पहले उस रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाए। वहीं अगर चालक व परिचालकों से दस दिन ही नाइट स्टे करवाना है तो कर्मचारियों की इस तरह ड्यूटी लगाई जानी चाहिए।
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मुख्यालय से आया है पत्र
चालक परिचालकों के नाइट स्टे से संबंधित टीए बिल को लेकर मुख्यालय से पत्र जारी हुआ है। इसमें दस से अधिक रात्रि ठहराव करने वाले कर्मचारियों के नाइट स्टे की टीए बिल की स्वीकृति को लेकर महाप्रबंधक की टिप्पणी सहित मामला मुख्यालय को प्रेषित करेंगे। डिपो की 40 से अधिक बसें नाइट स्टे करती हैं।
–राजेश हैबतपुर, डीआइ रोडवेज विभाग जींद