Haryana Motor Vehicle VIP No. : हरियाणा में वीआईपी नंबरों पर लगी होड़ !  VIP नंबर के लिए खर्च कर डाले लाखों रुपए

Haryana Motor Vehicle VIP No. :  वीआईपी नंबरों के लिए हरियाणा में लोगों में जबरदस्त होड़ लग रही है। एक पुराणी कहावत के मुताबिक इंसान के जीवन में शोक का कोई मोल नहीं होता, कोई मन में ठान ले मुझे यह वस्तु प्राप्त करनी है तो उसकी कीमत नहीं देखी जाती। ऐसा ही हरियाणा के यमुनानगर में देखने को मिला, जिसमें मोटर वाहन की नई सीरीज शुरू होने पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इसकी वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई। पहले पांच नंबर की नीलामी में हद से ज्यादा लोग बोली देने वाले थे। जिसके चलते 50 हजार रुपए के बेस प्राइज का नंबर 7777 की अंतिम बोली 16 लाख पांच हजार में  जाकर में छुटी।

 

इन वीआईपी नंबरोें की हुई बोली

पाठकों को बता दें कि, यमुनानगर में मोटर वाहन की नई सीरीज आरंभ होने पर ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा इसकी वीआईपी नंबरों (Haryana Motor Vehicle VIP No.) की नीलामी की गई। पहले पांच नंबर की नीलामी में ज्यादा से ज्यादा लोग बोली देने वाले थे, जिसके चलते 50 हजार रुपए के बेस प्राइज का नंबर 7777 की अंतिम बोली 16 लाख पांच हजार में छुटी। आईए देखे कुछ वीआईपी नंबरों की कीमत की लिस्ट

क्रम सं. वीआईपी नंबर बोली कीमत
1 7777 16,5000
2 1000 4,00000
3 9000 95,000
4 5000 74,000
5 2222 80,000
6 8888 50,000
7 3000 50,000
8 5555 50,000
9 9999 50,000

उपमंडल अधिकारी (नागरिक) सोनू राम ने बताया कि शुरू के पांच नंबरों में एक से ज्यादा बोली देने वाले थे जिसके चलते नीलामी हुई और सर्वाधिक 16 लाख 5 हजार, प्रथम नंबर 7777 वाले को बोली दी गई। उन्होंने बताया कि 8888 नंबर 50 हजार में इसी तरह 3000 नंबर 50 हजार में 5555 नंबर 50 हजार में और 9999 नंबर भी 50 हजार में बिका है। उन्होंने यह भी बताया कि, पुरानी सीरीज समाप्त होने के बाद नई सीरीज एचआर 02बीए शुरू की गई है।

 

बिना गाड़ी होने के बावजूद भी खरीदे वीआईपी नंबर

बोली के दौरान मौजूद लोगों का मानना है कि शोक का कोई मोल नहीं होता। उसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार होता है। साधारण निवासियों का कहना है कि, यह नीलामी 16 लाख में गई है, यदि इससे ज्यादा होती तो भी खरीदने वाला इसी नंबर (Haryana Motor Vehicle VIP No.) को खरीदता। वहीं एक अजीब बात यह भी सामने आई है कि जिन लोगों ने बोली में यह नंबर खरीदे हैं उनमें से कुछ ने अभी तक गाड़ी ही नहीं खरीदी। ट्रांसपोर्ट विभाग का भी यह नियम है कि 90 दिन के अंदर गाड़ी लेकर उस पर नंबर लगाना होता है, अन्यथा वह नंबर जप्त कर लिया जाता है। उन्होंने बताया कि, इस संबंध में बोली दाताओं को विभाग की हिदायत के बारे में सूचना दे दी गई है।

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