India On China electronics: भारत सरकार ने चीन से सीसीटीवी कैमरों की खरीद पर रोक लगाने के साथ ही अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे स्मार्ट मीटर, पार्किंग सेंसर, ड्रोन पार्ट्स, लैपटॉप और कंप्यूटरों की खरीद को नियंत्रित करने का फैसला किया है। यह निर्णय हाल ही में इजरायल द्वारा अपनाई गई नई युद्ध रणनीतियों के बाद लिया गया है, जिसने वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में चिंता बढ़ा दी है।
India On China electronics:
इजरायल का मास्टर स्ट्रोक और भारत की सतर्कता
हाल ही में इजरायल ने लेबनान में सक्रिय आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के सदस्यों को पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट कर मार गिराया। इस हमले में 60 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि लगभग 3000 लोग घायल हुए। इस प्रकार के हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है और भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सावधान कर दिया है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इसे इजरायल का मास्टर स्ट्रोक बताया है।
India On China electronics: चीन से आयात पर नकेल
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार अब चीन से आने वाले उपकरणों की निर्भरता को कम करना चाहती है। खासकर उन उपकरणों का जो चिप का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने पहले ही वाणिज्य मंत्रालय को दिसंबर तक आयात की मॉनिटरिंग के आदेश दिए थे। अब नए आदेश के तहत, CCTV कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम के भारत में इस्तेमाल से पहले उनके सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को लागू किया जाएगा। एक बार मंजूरी मिलने के बाद ही इन्हें आम बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
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साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की चुनौती
भारत सरकार हाइब्रिड वारफेयर के खतरे को लेकर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस खतरे की पहचान कर चुके हैं। भारतीय सेना पहले से ही ऐसे खतरों के प्रति जागरूक करती आ रही है। वहीं, चीनी कंपनियों के स्मार्टफोन्स की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है। शाओमी, Realme, OPPO जैसी कंपनियों के मोबाइल भारत में बड़ी मात्रा में बिकते हैं, जिससे सुरक्षा के लिहाज से चिंता बढ़ जाती है।
इस नई रणनीति के तहत भारत सरकार न केवल अपनी सुरक्षा बढ़ाना चाहती है, बल्कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के निर्माण को भी प्रोत्साहित करना चाहती है। इससे ना केवल चीन पर निर्भरता कम होगी बल्कि भारत में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।