Jind news : जींद : शहर के लोगों के लिए अच्छी खबर है। करीब छह महीने पहले वैद्य हुई 38 कालोनियों में अब सीवर लाइन (Sewer line) डालने की योजना जनस्वास्थ्य विभाग बना रहा है। शहर में फिलहाल 479 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछी हुई है। इन नई कालोनियों में करीब 84 किलोमीटर लंबी और लाइन डाली जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। जनस्वास्थ्य विभाग का स्टाफ इसके लिए काम कर रहा है।
उम्मीद है कि नए साल के (Jind news) पहले महीने में एस्टीमेट बना कर मुख्यालय भेज दिए जाएंगे। इसके बाद स्वीकृति मिलने पर इन कालोनियों में सीवर लाइन दबाई जाएगी। इसी साल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर की अवैध कालोनियों को वैद्य किया गया था। इसमें जींद की 38 कालोनियां (Jind legalized colony) भी शामिल थी। इसके बाद लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान इन कालोनियों के विकास को लेकर काम आगे नहीं बढ़ सका। अब इसके लिए नगरपरिषद व जनस्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर काम कर रहा है।
शहर में एक ओर जहां नगरपरिषद द्वारा गलियों के निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू की है, वहीं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सीवर लाइन डाली जाएगी। ऐसे में प्रशासन का प्रयास है कि गलियों के निर्माण से पहले ही सीवर लाइन डाल दी जाए, ताकि बाद में गलियों को सीवर लाइन के लिए उखाड़ना नहीं पड़े। वहीं गली निर्माण के लिए मिट्टी का भरत भी किया जाएगा। इससे सीवर लाइन को (Jind legalized colony) मजबूती भी मिलेगी।
Jind news : पेयजल लाइन का भी बन रही है योजना
शहर में नहर आधारित पेयजल परियोजना पर काम शुरू हो रहा है। इसके लिए शहर में पाइप लाइन डाली जानी है। अब वैद्य कालोनियों में जहां पहले सीवर लाइन नहीं है, वहां सीवर लाइन के साथ ही पेयजल लाइन भी दबाई जा सकती है। इससे एक साथ ही काम बन जाएगा और दोबारा गलियों को भी नहीं उखाड़ना पड़ेगा।
Jind news : नगरपरिषद ने शुरू करवाए हैं काम
वैद्य हुई कालोनियों के लिए नगरपरिषद द्वारा 44.75 करोड़ रुपये के एस्टीमेट बनाए थे। इनको मुख्यालय से स्वीकृति के बाद इन पर काम भी शुरू हो गए हैं। इस राशि से गलियों के साथ नालियां व स्ट्रीट लाइट की (Jind legalized colony) व्यवस्था की जा रही है। पहले यह कालोनियां पहले अवैध थी। इससे इनमें विकास के कार्य नहीं हो रहे थे। अब यहां नगर परिषद द्वारा विकास कार्य शुरू करवा दिए गए हैं।
वर्जन….
हां नई वैद्य हुई कालोनियों में सीवर लाइन डाली जानी है। इसके लिए सभी कालोनियों के एस्टीमेट बनाए जाने हैं। इस पर काम चल रहा है। अगले महीने तक यह तैयार कर मुख्यालय भेज दिए जाएंगे। इसके बाद इन कालोनियों में सीवर लाइन डालने का काम शुरू होगा।
–कर्मवीर सिंह, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग।